महान वैज्ञानिक गैलीलियो TPSG Thursday, February 18, 2021, 10:56 AM सदियों से प्रमाणित है कि मानव बुद्धि हमेशा से किसी भी नए प्रयोगात्मक निष्कर्षों को आसानी से स्वीकार नहीं किया है। महान वैज्ञानिक गैलीलियो की सिद्धान्त को धर्म वादियों ने अपने धर्मग्रन्थ बाइबेल में लिखित मान्यता से झूठी पड़ती देख कर चर्च की तत्कालीन पोप द्वारा सन 1616 में उनके द्वारा किया गया सारा रिसर्च और लेखों पर प्रतिबंध लगा दिया। उन्होंने हार न मानते हुए अपनी अध्ययन जारी रखा और कॉपरनिक्स के सिद्धांत की पुष्टि करते हुए एक पुस्तक लिखा - "Dialogue concerning the two chief Systems of the world, the Ptolemaic and the Copernican". 1633 को उन पर धर्मविरोधी की मुकदमा चलाया गया। उन्हें अपने खोज को झूठ कहने पर मजबूर किया गया। उन्होंने ब्रूनो को याद किया और सजा से बचने के लिए उस खोज को झूठ कहना स्वीकार कर लिया। वे एक दूरदर्शी वैज्ञानिक थे ,तब उनका बहुत काम अधूरा पड़ा था इसीलिए उन्होंने रणनीति का रास्ता अपनाया और चर्च से माफी मांग ली । लेकिन चर्च ने माफ करते हुए भी उन्हें स्वतंत्र नहीं छोड़ा , गृहबन्दी रखा गया। उसी समय गैलीलियो ने अपना बाकी काम पूरा किया। जिसकी नींव पर आगे चल कर न्यूटन खड़ा हुआ । बीसवीं सदी के अंतिम दशकों में( लगभग 350 वर्ष बाद) गैलीलियो के मुकदमे की फाइल दोबारा खोला गया। चर्च ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए गैलीलियो के कब्र पर जा कर माफी मांगी और उन्हें रिहा घोषित किया गया। अब वही धर्मवादियों ने (वेटिकन सिटी) ने उन्हें महानायक का दर्जा देते हुए "Man of the faith" कहा। वर्ष 2009 को यूनोस्को और अंतरराष्ट्रीय खगोल विज्ञान संघ (IEU) ने अंतरराष्ट्रीय खगोल विज्ञान वर्ष घोषित किया था।लगभग 400 वर्ष पूर्व गैलीलियो ने टेलिस्कोप द्वारा अंतरिक्ष का अध्ययन किया था और पुष्टि कर दिया था कि सूर्य स्थिर है - पृथिवी और दूसरे ग्रह सूर्य के चारों ओर घूमते हैं। विज्ञान की इसी तथ्यों को समझने के लिए धर्मवादियों को 400 साल लग गए। कल्पना कीजिये आज से 400 साल पहले धर्मवादियों की समाज पर कितनी दबदबा थी । अब भी विज्ञान युग में भी धर्मवादी अपने क्रूर पंजों से मानवता को जकड़े हुए हैं। धर्मवादियों ने सदैव विज्ञान की प्रत्येक महत्वपूर्ण खोज का विरोध किया है क्योंकि विज्ञान विरोध हमेशा से सामंतशाही शासन का औजार रहा है। यह तो विज्ञान है इसीलिए धर्म पर विजय प्राप्त करना अनिवार्य है। धर्मिकग्रन्थों या धर्मवादियों ने मजबूरी में अपनी बात को कुतर्कों से विज्ञान सम्मत सिद्ध करने की प्रयास करते रहते हैं। अक्सर आप इन धर्मान्धियों को यह कहते हुए सुनेंगे की धर्म में यह सब विज्ञान से पहले मौजूद है । सारे धर्मान्धियों अब धर्म के प्रचार के लिए उन सभी विज्ञान की खोजों का भरपूर इस्तेमाल करते हैं। इसीलिए वैज्ञानिक चिंतन के पक्ष में इन सभी सिद्धांतों को प्रचार प्रसार किया जाना जरूरी है। जो विज्ञान की कसौटी पर खरा न उतरे उसे त्यागने में संकोच न करें । Tags : superhero religiousists mistake Galileo century