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देश का अपार धन

TPSG

Friday, December 4, 2020, 09:29 AM
dhan

.देश के इतने विशाल धन का खजाना कंहा ओर  कैसे लुटाया गया..?*

उसका पूरा हिसाब दो...

14 सवाल उनका जवाब दो?

*1) प्रश्न नम्बर एक ---*

*देश का 265 टन सोना गिरवी रखा उसका धन कंहा गया?*

*2) प्रश्न नम्बर दो ----*

*देश की सारी सरकारी कम्पनिया बेचीं उसका धन कंहा गया?* 

*3) प्रश्न नम्बर तीन ---*

*दुनिया भर में पैट्रोल सस्ता मगर आपने आसमान चढ़ते भाव बेचा और 20 लाख करोड़ रुपया लाभ कमाया वह कंहा गया* 

*4) प्रश्न नम्बर चार ----*

*वर्ल्ड बैंक से अभी अभी 1 अरब डॉलर लोन लिया वह कंहा गया?* 

*5) प्रश्न नम्बर पांच ----*

*एशियाई विकास बैंक से भी अभी अभी सरकार ने 1.5 अरब डॉलर कोरोना से लड़ने के लिए लिये (150 करोड़)  वह कंहा गया?* 

*6) प्रश्न नम्बर छह------*

*सरकारी कर्मचारियों व पेंशनर्स के कई भत्ते खत्म किये TA/DA आदि से 75000 करोड़ रूपये हजम किये कंहा गये? एक दिन का वेतन अलग से काटा गया कोरोना फण्ड के लिए वह कंहा गया?* 

*7) प्रश्न नम्बर सात ------*

*MP और MLA का 30% वेतन काटा वह सब कंहा गया?*

*8) प्रश्न नम्बर आठ ------*

*आपके अनुसार नोटबंदी के बाद GST से टेक्स बढ़ा, GST टेक्स से आया धन कंहा है?*

*9) प्रश्न नम्बर नो ------*

*PM केयर्स फण्ड में कई हजार करोड़ रूपये चंदा उगाही देशी विदेशी कॉर्पोरेट घरानों (पूंजीपतियों) से की वह धन कंहा खर्च किया?* यह फण्ड आयकर विभाग, कैग ( CAG) के जांच अधिकार क्षेत्र से बाहर क्यों रखा गया। *इसकी पारदर्शिता को खत्म करने के पीछे क्या निजी स्वार्थ है?*

कोरोना से पीड़ितों  के  लिए बनाए गए *इस फण्ड का पैसा कंही दूसरी जगह किसी धार्मिक कार्य के लिए अथवा किसी खास मकसद के लिए उपयोग किया गया है? क्या देश्ववासियों से सत्य को छुपाने के लिए ही इस फण्ड को गुप्त रखा गया है?* इस फण्ड को ऑडिट से बाहर क्यों रखा गया?* यह कृत्य ईमानदारी को दागदार करने के साथ साथ *देश की जनता के साथ किया गया एक धोखा है।*

*10) प्रश्न नम्बर दस------*

*RBI से पूर्व के 3 वर्षों में 1.50 लाख करोड़ व आखिरी क़िस्त में 1.76 लाख करोड़ रूपये लिए जो कुल 3.25 लाख करोड़ रुपये होते है वह सब पैसा कंहा खर्च किया गया?* 

*11) प्रश्न नम्बर ग्यारह------*

*कोरोना लॉक डाउन  में भी RBI से 1.70 लाख करोड़ रुपये अलग से ले लिए वह पैसा भी कंहा गया?* 

*12) प्रश्न नम्बर बारह-----*

*वर्ल्ड बैंक व एसियन विकास बैंको से ओर अन्य विकसित देशो से  अब तक अलग से अरबो खरबो का कर्जा व अन्य मदद भी मिलती रही है। वह सब पैसा कंहा गया?*

*13) प्रश्न नम्बर तेरह..............*

चाइना से घटिया कोरोना जाँच *टेस्ट किट प्रति 245 रूपये के दाम पर मगाई, मगर देश में उसे 600 रूपये के दाम पर बेचा गया वह भी नकली अक्षम किट सिद्ध हुई, जिस गुजराती कंपनी को ठेका दिया गया उसे करोड़ो रुपये का नजायज फाएदा पहुंचाया गया* जबकि यह खरीद सरकरीं संस्था 'भारतीय चिकित्सा व अनुसंधान परिषद" को मार्फ़त की जा सकती थी?

*14) प्रश्न नम्बर चौदह-----*

*देश का धन लूटने वालों, देश को बर्बाद करने वालों..इस स्थिति के लिए जवाब और हिसाब तो तुम्हे देने ही पडेगे?*

*लॉक डाउन के बाद....*

*आज नहीं तो कल देश का हर नगरिज देश के एक एक पैसे का हिसाब मांगेगा और सवाल पूछेगा?* 

*देश के सिर्फ कुछ हजार गरीब मजदूरों ओर किसानो के खातों में बीजेपी मोदी  सरकार ने कुल 31 हजार 235 करोड़ रूपये अब तक डलवाये है जो प्रति व्यक्ति 500 से 2000 रुपये। क्या यह पर्याप्त हैं?*

(22अप्रैल 2020 तक)

*वंही..........*

देशद्रोही बीजेपी सरकार ने तो यह सोचा था कि देशवासियों को पता नहीं चलेगा इसलिए... *चुपचाप देश के 50 सबसे बड़े बैंक के घोटालेबाजो के 68 हजार करोड़ रूपये से तुरन्त माफ कर दिये। क्या यह रुपया तुम्हारे बाप दादाओ का था?* किंतु किसानों के कर्जे माफ करने में क्यों जोर् पड़ता है? क्योंकि  देश का गरीब किसान तुम्हारी स्वर्ण जाति का नहीं है इसलिए? 

*क्या सोच के इस सरकार ने इन सवर्णों के सारे कर्ज माफ किये? इनमें गुजराती चोर बनिये ओर पूँजीपतिं सबसे ज्यादा हैं।* 

इन लुटेरे देशद्रोहियों के ऋण माफ करने की क्या कोई मजबूरी थी? या *इसमे भी चोर चोर मौसेरे भाई की तरह ही मिलकर कोई बन्दरबाँट की गई थी?*

*पिछले 5-6 सालो में  सवर्ण पूंजीपतियों का 6 लाख 66 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्जा माफ कर दिया *ये क्या तुम्हारे बाप का धन था जिसे इन ऊंची जाति वाले लोगों पर लुटाया गया?* क्या समझ रखा है?

*देश् की जनता को मूर्ख बनाया गया।*

2014 से देश पर 30-35 लाख करोड़ का कर्जा था जो इन संघी मनुपुत्रों ने विदेश से कर्जा ले ले कर उसे 130 लाख करोड़ से भी ऊपर पंहुचा दिया है...

*देशवासियों का इतना अपार धन कंहा चला गया?* 

धरती निगल गईं या आसमान खा गया...

*मनुपुत्रों की मिलीभगत से बन्दरबाँट में तो नहीं खा गये?* 

*"मैं देश नहीं बिकने दूंगा या पूरा देश ही बेच खाऊंगा?"*

देश का ही मुठी भर अनाज चंद लोगो को बांटकर और पांच सौ या हजार रूपये कुछ खातों में डालकर बीजेपी मोदी और गोदी मिडिया सोचते है कि *वे बार बार देश को मुर्ख बना लेंगे ओर उनसे कोई सवाल नहीं पूछेगा ओर कोई हिसाब नहीं लेगा?* 

तुम्हारे डमरू वाले जुमलों ओर लच्छेदार झूटों के पुलिंदों से भरे इन भाषणों के झांसे में अब देश की बहुसंख्यक जनता कभी नहीं आने वाली। *अपने आपको ईमानदार ओर फकीर कहने से सच्चाई कभी छुप नहीं सकती है क्योंकि कागज के फूलों से कभी खुशबू आ नहीं सकती।*





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