imagesimagesimagesimages
Home >> इतिहास >> होलिका

होलिका

TPSG

Sunday, August 8, 2021, 02:58 PM
Holika

दानवीर राजा बली के पिता का नाम  विरोचन था.

विरोचन के पिता का नाम प्रह्लाद था.

प्रह्लाद के पिता का नाम हिरण्यकश्यप था.

हिरण्यकश्यप की एक बहन थी, जिसका नाम होलिका था.

होलिका युवा और बहादुर लड़की थी.वह आर्यों से युद्ध में हिरण्यकश्यप के समान ही लड़ती थी.

हिरण्यकश्यप का पुत्र प्रह्लाद निकम्मा और अवज्ञाकारी था. आर्यों ने उसे सुरा पिला पिलाकर नशेड़ी बना दिया था.

जिससे वह आर्यों का दास(भक्त) बन गया था. नशेड़ी हो जाने के कारण वह अपने नशेड़ी साथियों के साथ बस्ती से बाहर ही रहता था.

पुत्र मोह के कारण प्रह्लाद की माॅ *नागम्मा* अपनी ननद होलिका से उसके लिए खाना (भोजन) भिजवा दिया करती थी.

एक दिन होलिका शाम के समय जब उसे भोजन देने गयी तो नशेड़ी आर्यों ने उसके साथ बदसलूकी की और फिर उसे जलाकर मार डाला.

प्रातः तक जब होलिका घर न पहॅची, तब राजा को बताया गया। राजा ने पता लगवाया तो  मालूम हुआ कि शाम को होलिका इधर गयी थी लेकिन वापस नहीं आई.

तब राजा ने उस क्षेत्र के आर्यों को पकड़वाकर और उनके मुॅह पर कालिख पोतवाकर, माथे पर कटार या तलवार से चिन्ह बनवा दिया और घोषित कर दिया कि ये कायर लोग हैं.

साहित्य में *वीर* शब्द का अर्थ है बहादुर या बलवान। वीर के आगे 'अ' लगाने पर *अवीर* हो जाता है.

अवीर का मतलब कायर या बुजदिल. होली के दिन लोग माथे पर जो लाल -हरा- पीला रंग लगाते हैं उसे अवीर कहते हैं. यह कायरता की निशानी है.

दलित/पिछड़ों को यह नहीं लगाना चाहिए. न ही होली में खुशियाॅ मनानी चाहिए.

बल्कि दलितों/पिछड़ों को होली को "होलिका शहादत- दिवस" के रूप में मनाना चाहिए.

जिस समय यह घटना घटी थी, उस समय जातियाॅ नहीं थीं. जातियां बाद में बनी. इस कारण होलिका, DNA रिपोर्ट के अनुसार सभी दलित/पिछड़ों की बहन/बुआ थी.

जो अपने को हिन्दू समझते हैं, वे आज भी रात्रि में अपना मुर्दा नहीं जलाते हैं.

होलिका प्रह्लाद को गोद में लेकर अग्नि में स्वयं नहीं बैठी थी. यदि गोद में लेकर बैठी होती तो दोनों जलकर राख हो जाते.





Tags : Avir strong literature soot Aryans