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कुतुबमीनार परिसर में लगा लौह स्तम्भ

TPSG

Saturday, December 19, 2020, 10:21 AM
kutub minar

कुतुबमीनार परिसर में लगा लौह स्तम्भ।

बात वहीं आती है कि

धूर्तों ने कहा- मैंने सुना।

कलम कसाई ने लिखा- मैंने पढ़ा।

धूर्तों की गपोड़ता और सच्चाई-

स्तम्भ के शीर्ष पर उल्टा कमल फूल बना है जो सम्यक परंपरा की निशानी है। उल्टा कमल फूल का निशान सम्राट अशोक के स्तम्भ पर भी मिलता है। जिसको चित्र 5 से मिलान कर सकते है।

स्तम्भ के शीर्ष पर कुछ बैठा हुआ मिला नही है। लेकिन कलम कसाई लेखक अनुमान की गपोड़ता करते है।

इस स्तम्भ पर चंद नाम लिखा है इस वजह से कलम कसाई इसे गुप्त काल की लिपि द्वारा निर्मित बताते हुए चंदगुप्त से जोड़ते है

जबकि चंदगुप्त की मुद्रा चित्र 4 में देखें , दोनो की लिपि व नाम लिखने में बहुत अंतर है।

इस प्रकार की लिपि का मिलना गुप्त काल के अंतिम दौर या हुण के समय मे मिलता है।

उस समय किसी चंद नाम के राजा ने यह स्तम्भ स्थापित किया होगा।

अंत मे इस स्तम्भ में भ्रमिक वर्गो के लिए कोई गीता, रामायण, वेद का कोई श्लोक नही है कि उनको उछलना चाहिए बल्कि राजा की उपलब्धि का बखान है।

फिर भी आज इसपर भ्रम का पुलिंदा बनाया जाता है।





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