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बुद्ध धम्म के प्रतीक

TPSG

Monday, February 15, 2021, 03:35 PM
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बुद्ध धम्म के प्रतीकों को ठीक समझना होगा।

भले ही ब्राम्हणो ने भारत मे हिंसा के माध्यम से प्रतिक्रांति की हो लेकिन उसके पहले ही बुद्धिज्म दुनिया मे फैल गया था।

बौद्ध राष्ट्रों में वे सारे प्रतीक आज भी है।

मंदिर संकल्पना भी बुद्धिस्ट परम्परा से है।मन का द्वार या मन के अंदर जाने का मार्ग इस अर्थ में यह मंदिर संकल्पना है।

बुद्ध ने जहाँ ज्ञान हासिल किया वहाँ पर सम्राट अशोक ने मंदिर ही बनाया।चित्त या मन यह संकल्पना यह बौद्ध धम्म की है। ब्राम्हणी धर्म का मन या चित से दूर दूर का संबंध नही है।

भारत में बौद्ध नाग और ब्राम्हण लोगो में लंबे समय तक संघर्ष चला ।इसी डॉ बाबासाहेब आंबेडकर क्रांति और प्रतिक्रांति का इतिहास कहते है।

मंदिर भी बौद्धों के है।आज जितने मंदिर है वे प्राचीन काल मे या तो मंदिर थे या चैत्यगृह,स्तूप थे जिनपर ब्राम्हणो ने नाजायज कब्जा किया इसके लिए उन्होंने हिंसा का सहारा लिया।जैसे कि आज मोहन भागवत ने साकेत पर नाजायज कब्जा किया हुआ है।

यह चित्र तिबेटी रिसर्च किताब से लिया है।

प्रो विलास खरात।





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