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खरबो का घोटाला

TPSG

Wednesday, December 30, 2020, 08:25 PM
ghotala

एक बात नहीं समझ पा रहा हूं कि पहले की सरकार मे 1962 1965 1972 की भीषण लड़ाई भी हुई, पोलियो, प्ले, हैजा, टीबी जैसी महामारी भी हुई । जिन का मुफ्त में इलाज हुआ, मुफ्त में पूरा देश का टीकाकरण हुआ, 

खरबो का घोटाला भी हुआ, काला धन विदेशों में भेजा गया, भ्रष्टाचार खूब व्याप्त रहा, फिर भी बहुत सारे  सरकारी कारखाने कंपनियां लगी, सरकारी हस्पताल, सरकारी कॉलेज, सरकारी स्कूल बने, सरकारी नौकरियों में कोई कमी नहीं रही । लोगों को नौकरियां दी गई । जो व्यक्ति इंटर मैट्रिक पास कर जाता था उसे घर से बुलाकर नौकरियां दी गई, तनख्वाह में कोई कमी नहीं रही । भत्ता हमेशा लगातार बढ़ता था महंगाई भत्ता 131% तक दिया, सबसे अधिक वेतन वृद्धि  छठे वेतनमान में मिली, सरकारी कर्मचारियों को पेंशन दिया  जाता था, बेतहाशा जनसंख्या वृद्धि का बोझ भी देश सहता रहा जनसंख्या में 3 गुना वृद्धि हुई है उसके बावजूद भी अनाज की समस्या ना रही।

देश की जीडीपी 10% से ऊपर थी.

आखिर यह सब गद्दार चोरों की सरकार कैसे कर लेती थी । जो दिव्य महापुरुष की सरकार नहीं कर पा रही है.

जबकि विदेशों से काला धन वापस आ गया, नोटबंदी से देश का काला धन वापस आ गया,चोरों की सरकार की  बनाई गई सरकारी संपत्ति को भी बेचा जा रहा है , तब भी दिव्य पुरुष की सरकार नौकरियां वेतन भत्ते, पेंशन नहीं दे कर किसान, मजदूर और आम नागरिक  को टेंशन ही दे रही है।सभी की नोकरिया चली गयी, सभी ngo से पैसा प्रधानमंत्री रिलीफ़ फ़ंड मे ले जमा करवा लिया, कोई युध्द नी हुआ , जीडीपी माइनस मे चल रही है । और अगर कोई बोल रहा है तो उसको पाकिस्तानी या देश द्रोही बोला जा रहा है। मेरे ख्याल से युवाओं को तो कम से कम जाग जाना चाहिये जो पढ़े लिखे है!!





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