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क्रान्ति और प्रतिक्रान्ति

TPSG

Thursday, September 19, 2019, 10:24 AM
Buddha

डॉ आंबेडकर की बात सुनो जो कहते है कि"" Revolution and Counter revolution goes hand to hand"" याने क्रान्ति और प्रतिक्रान्ति दोनों साथ साथ चलती है।
रामायण की रचना प्रतिक्रान्ति के तौर पर कथित बामनो द्वारा की गई थी । उदाहरण देखे -
सिदार्थ घर से निकलते है कि युद्ध न हो जबकि राम भी घर से निकलता ही इसलिए है कि युद्द हो ।
सिदार्थ घर पर पत्नी को और पुत्र को छोड़ जाते है जबकि राम अपनी पत्नी और भाई को साथ ले जाते है ।
बुद्ध जहा अंगुलिमाल जैसे डाकू को ज्ञानवान प्रज्ञावान शीलवान इंसान बना देते है वही राम प्रज्ञावान और ज्ञान दाता इंसान शम्बूक की हत्या कर देता है ।
बुद्ध जहा स्त्री को इंसान मान पुरुषो के समान मानकर मर्यादित व्यवहार करते है वही राम स्त्रियों को पुरुषो से अलग असमानता का व्यवहार कर अमर्यादित व्यवहार करते है ।
बुद्ध जहा स्वयम को मुक्ति दाता बताकर वास्तविक जीवन को सुखमय बनाने का उपाय देते है व्ही राम स्वयम को मोक्षदाता बताकर लोगो को वास्तविक जीवन से भटकाकर दुसरे जन्म में मुक्ति की बात करते है ।
बुद्ध ने जहा स्वयम को हम आपकी तरह इंसान माना वही राम ने स्वयम को इश्वर घोषित किया । आदि आदि ।
स्पस्ट है कि बुद्ध की मानवतावादी क्रान्ति को दबाने और प्रतिक्रान्ति के तौर पर राम के काल्पनिक केरेक्टर को रामयाण के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है ।
हमे चीजो को डॉ आंबेडकर की नजर से देखना चाहिए ।





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