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गांधार शैली की तथागत बुद्ध की प्रतिमा

TPSG

Tuesday, October 1, 2019, 09:03 PM
Tathagat Buddha

अत्यंत आकर्षक,गांधार शैली के शिल्प में ढ़ली हुई
तथागत गौतम बुद्ध की ये प्रतिमा है। लेकिन इस स्थान पर यह मूर्ति सिद्धार्थ बोधिसत्व की अवस्था दर्शाती है। ये युवा सिद्धार्थ गौतम बुद्ध हैं। इस शिल्प को गांधार शैली कहा जाता है। इसे इंडो ग्रीक शैली भी कहते हैं।

ग्रीक संस्कृति में जिस तरह शारीरिक सौष्ठव में ढले हुए हृष्टपुष्ट देवी -देवता दर्शाये जाते हैं, उसी तरह गौतम बुद्ध की युवा सिद्धार्थ अवस्था भी इस शिल्प में व्यक्त की गई है। प्रतिमा की केश रचना और वेशभूषा इतनी सुघड़ रची गई है जिसके कारण वे उठावदार दिखाई पड़ते हैं।
तीसरी -चौथी शती की ये प्रतिमा 15 मीटर से भी अधिक ऊंची है।

ये मूर्ति सद्य नेशनल गॅलरी आफ आस्ट्रेलिया, कैनबरा
में रखी है। इस प्रतिमा का प्रवास पेरिस -लंदन (1989)
से शुरू होकर, न्यूयॉर्क (1998)के रास्ते, दुनिया की प्राचीन वस्तु नीलामी मार्फत 2006में आॅस्ट्रेलिया द्वारा ख़रीदी गयी। गांधार शैली में सर्वप्रथम बुद्ध को, मूर्ति रूप में मानवी अवस्था में दर्शाया गया है। गांधार प्रदेश तीसरी चौथी सदी में ग्रीक प्रभाव के अंतर्गत था।

अफगानिस्तान व पाकिस्तान जैसे स्थानों पर कला तेज़ी से वृद्धिगत होती गयी। खड़ी प्रतिमा के आधार (base) के नीचे कमल पर विराजमान बोधिसत्व अपने चार अनुयायी समवेत दिखलाई पड़ रहे हैं। बड़ी प्रतिमा के दो नेत्रों के मध्य भाग में ऊर्ण (urna),ये विशेष चिन्ह दर्शाया गया है।जो महापुरुषों के 32 लक्षणों में से एक है।

---------------------------------- सुनिल लोनकर
हिंदी प्रस्तुति : राजेंद्र गायकवाड़





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