झूठे प्रचार से सावधान TPSG Sunday, August 8, 2021, 09:24 AM झूठे प्रचार से सावधान यह मूर्ति या ऐसे ही मूर्तियों को विष्णु या शिव की मूर्ति के रूप में बदमाश ब्राम्हण प्रचार करते है।दरअसल यह मूर्ति बोधिसत्व की है। बुद्ध और बोधिसत्व कॉन्सेप्ट को ठीक से समझ लिया कि आपको समझ में आयेगा की ब्राम्हणो ने कैसी गड़बड़ी की है। लेकिन यह बात भी ध्यान रखो की महायानी बौद्ध परपंरा को ध्यान में रखकर ही ब्राम्हणो अवतार कल्पना निर्माण की है। सारे के सारे अवतार ब्राम्हणो जे गुप्त काल मे पैदा किये है। ब्राम्हणो ने इस तरह से लोगो का दिमाग ही चौपट कर दिया। यह भी बात ध्यान रखो तथागत बुद्ध के पहले ब्राम्हणो के किसी भी देवी, देवता की मूर्तियां, प्रतिमा नही थी। भारत मे सबसे पहले बुद्ध की ही प्रतिमा बनी। - विलास खरात Tags : people Gupta period Brahmin incarnation Buddhist tradition