अशोक स्तंभ के नीचे लिखा शब्द बदल गया TPSG Thursday, October 15, 2020, 11:21 PM सुप्रीम कोर्ट ने 17 अगस्त को एक लिस्ट जारी किया है, जिसमें दिल्ली हाई कोर्ट के लिए 6 जजों के नामों की सूची जारी की गई है। लेकिन यहां बड़ी खबर यह है कि अशोक स्तंभ के नीचे लिखा शब्द बदल गया है। ‘सत्यमेव जयते’ की जगह.. ।।यतो धर्मस्ततो जय: ।। हो गया है। ये देश कहाँ जा रहा है? *सुप्रीम कोर्ट के संविधान विरोधी कृत्य कि हम कडी निंदा करते है. भारतीय संविधान कि रक्षा करने कि जिम्मेदारी जिस कोर्ट कि है वही कोर्ट धर्म कि बात करने लगा है.भारतीय संविधान ५१ ए कि हत्या कि जा रही है.चार शेरोवाले प्रतीक के नीचे सत्यमेव जयते वाक्य उल्लेख है और उसे बरकरार रखने का ५१ ए अनुछेद है.२०१३ से थाना, कोर्ट के मुहर से भी सत्यमेव जयते हटाया गया है.नेवी ने भी सत्यमेव जयते हटाया है. इस राष्ट्रद्रोह की हम कड़ी निंदा करते है.* *आज समझ में आता है की, धर्म की जित का अजेंडा क्या था.* *जबसे आरएसएस की सत्ता आई है हिंदू राष्ट्र निर्माण के लिए भारतीय संविधान की हत्या करने साजिश शुरू है.संविधान को राजधानी में भारतीय संसद के पास जलाया जा रहा है, संविधान के ५१ए की हत्या की जा रही है, मनुवादीओ से देश के संविधान खतरा निर्माण हुआ है.* *आरएसएस देश को धर्म के नाम पर तोडना चाहती है. "यतो धर्मस्तो जय" ये लिखा टैगलाइन महाभारत से उठाई है. इसका मतलब धर्म की जीत है.* *भावनाओ के आधार पर जो निर्णय सुप्रीम कोर्ट देने लगी है उसके पीछे हिन्दू राष्ट्र निर्मिति का सपना देखने वाली आरएसएस ही है। धर्म की जीत नहीं होगी इस देश में सत्य की जीत होगी। इस देश में सत्य को न्याय मिलेगा धर्म के नाम पर न्याय नहीं मिलेगा.* *सम्राट अशोक इस देश की पहचान है. हमरा महान पुरखा है .हमारी शान है. सत्यमेव जयते भारत की पहचान है ये पहचान हम मिटने नहीं देंगे...* *संविधान मिटाया जा रहा है और आरएसएस के गुलाम राष्ट्रपति संविधान को मिटाने दे रहे है. दलित राष्ट्रपति के हाथो से संविधान मिटाना यही मनुवादीओ का षड़यंत्र है.* *हम सुप्रीम कोर्ट को अपील करते हैं कि तत्काल चार शेरो के नीछे "सत्यमेव जयते" लगा दिया जाये. "यतो धर्मस्तो जय" ये संविधानविरोधी टैग लाइन हटा दी जाये। जिसने भी "सत्यमेव जयते" हटा के राष्ट्र प्रतीक का अवमान किया है, उसे तत्काल गिरफ्तार किया जाये और उसपर देशद्रोह का मुकदमा लगा कर फांसी दी जाये.* *तत्काल "सत्यमेव जयते" कोर्ट के लोगो में अंकित किया जाये नहीं तो इस देश में संविधान बचाव देश बचाव आंदोलन खड़ा करेंगे.* इस बदलाव के बारे में सबको लिखना, बोलना चहिए। खबर बननी चाहिए। बड़ी खबर। Tags : Ashoka Pillar news Delhi High Court August Supreme Court