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भिक्खू और भिक्षु में अंतर

TPSG

Saturday, September 21, 2019, 04:02 PM
Bhhikku

भिक्खू और भिक्षु में अंतर

बौद्ध भिक्खू का अर्थ है भीख मांगने वाला नहीं है। यह गलत अर्थ है। पाली भाषा में बौद्ध संन्यासी को बौद्ध भिक्खू कहते हैं। पूरा जापान बौद्ध भिक्खूओं से भरा पड़ा है। क्या जापान भीख मांग रहा है ? नहीं. कदापि नहीं.! जापान आपको दे रहा है! विश्व की सबसे अच्छी व्यवस्था अर्थव्यवस्थाओं में से है! अरुणाचल प्रदेश के मोंम भिक्खू हैं क्या वह भीख मांगते हैं, नहीं! आप किसी भी बौद्ध स्थल पर जाएंगे वहां कोई बौद्ध भिक्खू आप को कभी भीख मांगते हुए नहीं मिलेगा। यह सभी श्रमशील मेहनतकश और खेतिहर होते हैं। बौद्ध भिक्खू को आखिर क्यों श्रमण भी कहा जाता है ? श्रमण का अर्थ होता है श्रम करने वाला। आप उस श्रमण को भीख मांगने वाला नहीं कह सकते। बौद्ध भिक्खू का अर्थ होता है बौद्ध सन्यासी जिसने अपना गृह त्याग दिया है। जिसने बौद्ध धर्म के विकास में अपने परिवार को त्याग दिया है और अपना जीवन दाव पर लगा दिया है। जो व्यक्ति केवल जीविकोपार्जन की दृष्टि से बौद्ध भिक्खू बना है या जो अपने परिवार के साथ रहता है। वह धर्म का विकास नहीं कर सकता बौद्ध भिक्षुओं की सबसे बड़ी खासियत यह है कि धम्म के अनुसार उन्हें मात्र 8 चीजों की जरूरत होती है। वर्तमान परिस्थितियों में आवश्यकता अनुसार और भी चीजें उपासक उनको दान में दे सकते हैं लेकिन बौद्ध भिक्खू कभी भी कच्चा अनाज नहीं लेते हैं। उन्हें पका हुआ भोजन चाहिए। यदि चारिका करते हैं तो अधिकतम 5 घरों में करेंगे। 5 घरों में भोजन दान नहीं मिलने पर वे अपने भीक्खू निवास में उस दिन भूखे सो जाएंगे लेकिन यदि चारिका के दौरान पहले 3 घरों में भोजन दान प्राप्त हो जाता है तो अगले 2 घरों में चारिका नहीं करेंगे।*

संस्कृत :- के नजरिए से देखेंगे तब वह भीख मांगने वाला होगा क्योंकि भिक्षु का अर्थ ही होता है भीख मांगने वाला। यह व्यक्ति सुबह से शाम तक का अनाज पैसा आदि सामान इकट्ठा करके शाम को अपने घर पहुंचता है और अपने परिवार के साथ में रहता है उसके साथ भोजन करता है और अपने पारिवारिक जीवन को भी व्यतीत करता है। यह भीख मांगने वाला कहलाता है।

 संकलन :- गीता चौहान





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