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नकारात्मकता (अनुरोध)

Siddharth Bagde
tpsg2011@gmail.com
Saturday, April 27, 2019, 02:44 PM
Nakaratmakta

नकारात्मकता (अनुरोध)
बच्चा परिवार में रहकर ही संगति सिखता है, इसके बाद जब वह शिक्षा प्राप्त करने के लिये निकलता है तो वह अपने गुरू से तथा बाहर अपने मित्रो, साथियों तथा मुलाकात करने वाले लोगो से संगति सिखता है। हम अपने बच्चो को अच्छी संगति ही सिखाना चाहते है।
लेकिन जब हम ही घर से बाहर निकलते है तो देखते है कि बाहर का संगतिक वातावरण कैसा है, अगर हम अच्छे है तो लोग जिन्हें हम कुछ बताना चाहते है वह सुनना नहीं चाहते और स्वयं को ही स्र्वज्ञानी समझ लेते है, और आप जिन्हे उपदेश दे रहे है वे लोग ही खुद आपको बेहतरिन उपदेश दे देते है, वह उपदेश आपके ज्ञान व  जीवन आदर्श के लिये भले ही ठीक न हो। उसी प्रकार ऐसे कई लोग मिलेंगे कि ये क्यू कर रहे हो, इससे क्या होगा, ऐसी कई नकारात्मक बाते करने वाले लोग भी मिलेगें।
व्यक्ति अच्छे लोगो के साथ संगति करे तो व्यक्ति का जीवन भी अच्छा होता है, किंतु असंगत व्यक्ति के जीवन में जहर घोल देती है, इसलिये अच्छी संगति करना जरूरी है।
अच्छी संगति से तात्पर्य है, अच्छे विचारवान लोग, तार्किक विचार वाले अच्छी सिख देने वाले और सकारात्मक सोच रखने वाले लोगो के साथ संगति करना।
असंगति से तात्पर्य है, बुरा व्यवहार करने वाले, जलन की भावना रखने वाले, बुराई करने वाले, किसी भी नशे में लिप्त रहने वाले अतार्किक विचार वाले और नकारात्मक सोच रखने वाले लोगो की संगति अच्छी नहीं होती।
नकारात्मक विचार वाले हमेशा नकारात्मक बात करते है उदाहरण के रूप में - तुम ये क्या कर रहे हो ? तुम ये करोगे तो ऐसा हो जायेगा तुम्हारा इसमेे फायदा नहीं है?
मैं आपसे अनुरोध करता हूॅ कि नकारात्मक लोगो से और नकारात्मक विचारो से बचना चाहिये जो कि आपकी सकारात्मक क्षमता को समाप्त कर देती है।
यही सकारात्मक क्षमता ही तो हमें जीना सिखाती है और ये सकारात्मक क्षमता नहीं हो तो व्यक्ति डिप्रेशन में चला जाता है। लोगो के लिये सकारात्मक विचार रखे और प्रेरणा दे।
- सिद्धार्थ बागड़े

 





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