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गद्दार तीन तरह के होते हैं

TPSG

Tuesday, April 30, 2019, 08:53 PM
Gaddar

गद्दार तीन तरह के होते हैं
(1) पहले टाईप के गद्दार अपने सगे संबंधियों से ईष्यावश या अपेक्षाओं के पूरा न होने पर ऊपजे मनमुटाव, शत्रुता को ही जीवन का सबसे बड़ा दुख मानते हैं। ऐसे लोग इसे ही समाज के प्रति उदासीन होने का बहाना बनाते हैं। ये ‘‘बैक टू सोसाईटी’’ की अपनी जिम्मेदारी से बचते हैं। सवर्णों के समाज में घुलने मिलने के लिए ये कौवा चला हंस की चाल जैसे नजर आते हैं।
(2) दूसरे टाईप के गद्दार अपने समाज के लोगोँ से विचार न मिलने, विचारों के टकराव से आहत होकर अपने समाज से विमुख हो जाते हैं। ऐसे लोग सवर्णों से दोस्ती की मिसाल देते हैं। ऐसे लोग अपने साथ किसी प्रकार का सवर्णों द्वारा भेदभाव न होने का वकालत करते हैं। जबकि सच्चाई ये है कि सवर्णों के समाज में ये अपने स्वाभिमान से समझौता कर लेते हैं। उनके गुलामीपन को मित्रता की खूबसूरत लिबास में ढंक देते हैं। सवर्णो की चापलूसी कर उनका कृपापात्र बनने की कोशिश करते हैं। 
(3) तीसरे टाईप के गद्दार थोड़ा उन्नत और पहले दो की अपेक्षा ज्यादा घातक होते हैं। ये समाज में अगुआ की प्रतिष्ठा पाते हैं लेकिन एक निश्चित कीमत में बिक जाने के बाद पूरे समाज को अँधेरे कुँए में ढकेल देते हैं। शोषण, गरीबी, अशिक्षा से निकालने वाली तमाम शक्ति के स्रोतोे पर प्रतिनिधित्व के सवाल पर चुप्पी साध लेते हैं। ये बहुजनों की आवाज,क्राँति को दबा देते हैं। संगठन की शक्ति को तोड़ देते हैं।
- संग्रहक - टीपीएसजी

 





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