बुजुर्गो का सम्मान (अनुरोध) Siddharth Bagde tpsg2011@gmail.com Friday, April 26, 2019, 12:00 PM बुजुर्गो का सम्मान (अनुरोध) नये युग के नये नौजवान अपने आप में जीने को जीना कहते है। मेरे साथियो, दोस्तो, शुभचिंतको से मैं अनुरोध करता हूॅ कि यदि कोई चीज पुरानी है तो उसका उपयोग कहीं न कहीं तो हुआ है, और वह निर्जिव है तो भी कहीं न कहीं वह काम देगी। लेकिन यदि वह सजीव है अर्थात हमारे बुजुर्ग लोग जो कि पुराने अनुभव रखते है, उसी पुराने अनुभव के आधार पर वे हमें सही रास्ता दिखाते है, किन्तु हम उसी ढर्रे पर चलते है, जिस ढर्रे से हमारे बुजुर्ग होकर आ गये है। कभी कभी तो हम उनकी अवहेलना भी कर देते है। जब हमें कोई बुरा कहता है तो हम उसका कितना बुरा मानते है। उसी प्रकार हमारे द्वारा किसी का भी अपमान हो तो वह क्या अच्छा मानेगा। हम हमारे बुजुर्गो का जब अपमान करते है तो कुछ कर नहीं सकते क्योंकि किसी अपने ने ही उनका अपमान किया है, वे सहते है, अंदर ही अंदर रोते है। लेकिन हम कभी भी उनके मन की बात को समझ नहीं पाते है। एक दिन तो सबको जाना है, लेकिन यदि उस बुजुर्ग की तरह यदि हमारी यही स्थिति रही तो फिर हम क्या उस अपमान को उसी तरह सहना पसंद करेगें जैसा कि हमने अपने बुजुर्ग के साथ किया था। मेरा तो अनुमान यह है कि हमें चुपचाप सहना ही होगा। यदि ऐसा अपमान तुम सहना नहीं चाहोगे तो मत करना कभी किसी का भी दिल दुखाने वाला अपमान और यही सीख दूसरो को देना होगा वर्ना हम सोचेगें कि हमने अपने लिये परिस्थितियां बदल दी है तो ये सोच गलत होगी। परिस्थितियां तो तब बदलेगी जब आज से ही हम किसी का अपमान करना छोड़ दे और किसी को ये सीखा दे कि तुम किसी का अपमान मत करना। इसके लिये क्रोध नहीं प्रेम की जरूरत है और प्रेम से ही किसी को सिखाया जा सकता है, क्रोध से नहीं। कुछ समय बुजुर्ग भी चाहते है कि हमारे बेटे, हमारे पोते, हमारे सगे संबंधी बात को समझे और उनके अनुभव को सीखे तथा उनके द्वारा जो कोई अद्भूत कार्य किया गया हो उसकी कोई तो प्रशंसा मिले। यही प्रशंसा, यही सम्मान चाहते है हमारे बुजुर्ग जिससे उनमें निराशा की जगह आशा लेगी और यही आशा वे हमारे बच्चो में भर देगें। हमारे बुजुर्ग यदि हमारे साथ नहीं हो तो कहीं न कहीं हम असहाय तो हो ही जाते है, हम बाद में उन्हें याद करते है कि वे यदि होते तो उनका अनुभव हमारी विकट परिस्थिति में काम आता। मेरा अनुरोध है कि हम आज से बुजुर्गो का सम्मान करें और यही अपने बच्चो को सिखाये। - सिद्धार्थ बागड़े Tags : experiences elderly alive uninterrupted old wishers friends young