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बाबासाहेब की एहसान फरामोश पीढ़ि

Siddharth Bagde
tpsg2011@gmail.com
Saturday, March 02, 2019, 02:32 AM
मैं हमेशा एक सवाल पूछते रहता हूँ आखिर भगवान करता क्या है ? कोई कहता है वो ब्रम्हांड की हर एक चीज को कंट्रोल करता है रेगुलेट करता है, तो कोई कहता है वो इंसान बनाता है। 
कोई तो ये तक कहते है की ब्रम्हांड में जो कुछ भी होता है वो सब भगवान की मर्जी से ही होता है। 
जब हम बलात्कार, खून, आतंकवाद, दंगो की बात करते है तो यही लोग बोलते है भगवान सिर्फ इंसान बनाता है, बाकि भगवान ने सभी को अपने अपने कर्म करने की पूरी आजादी दी हुई है। किसी का जवाब एक जैसा नहीं होता। उनके जवाबो से वो खुद ही संतुष्ट नहीं होते। फिर भगवान को बचाने के चक्कर में कुछ ना कुछ बड़बड़ाते रहते है।
अरे भाई एक कोई बात तो पक्की करो ना आखिर तुम्हारा भगवान करता क्या है। हर बार ऐसे खुद के ही जवाब क्यों बदलते रहते हो। यदि आप मानते हो न भगवान को फिर पहले खुद ही पक्का कर लो न की आप उसे क्यों मानते हो ? कुछ तो वजह होगी न कि बस लोग बोलते है इसलिए हम भी मानेंगे करके मान लिया ? आप खुद ही पहले सोच लो आखिर आपका भगवान क्या करता होगा ? फिर बोलने में भी आसानी होगी।
कुछ लोग कहते है भगवान ब्रम्हांड की हर एक चीज को कंट्रोल और रेगुलेट करता है। ठीक है मान लेते है। पर अगर वो ब्रम्हांड की हर एक चीज को कंट्रोल और रेगुलेट करता है तो फिर ये धर्म के नाम पे लड़ाई क्यों होती है ? भगवान अल्लाह वालों में खून खराबा क्यों होता है ? अब इनका जवाब होता है ये लड़ाईया, दंगे, आतंकवाद, बलात्कार, खून खराबा तो इंसान करता है। इसमें भगवान का कोई हाथ नहीं होता। फिर भाई कंट्रोल और रेगुलेट की बात ही कहां से आती हैं ? यानी ये बात साफ हो गई कि भगवान कंट्रोल और रेगुलेट तो नहीं करता।
ठीक है ये भी मान लेते है की भगवान सिर्फ भूकम्प, सुनामी जैसी बातों को ही कंट्रोल करते है तो फिर इसमें इतने सारे लोग क्यों मरे जाते है ? क्या सभी को कर्म की सजा मिलती है? क्या इसमें मरने वाले सभी पापी थे ? भाई ऐसा कहकर तो आप मरने वाले लोगों को ही गन्दा साबित कर रहे हो। अगर इसमें आपके घर का कोई सदस्य मरता तो क्या तब भी यही कहते ? फिर तुम ही बताओ कंट्रोल और रेगुलेट की बात ही कहा से आती है ? 
फिर वो कहते है भगवन सिर्फ इंसान बनाता है बाकि सभी को कर्म करने की छूट है। ठीक है ये भी मान लेते है। भगवान ही इंसान बनाता है। तो फिर अन्य जीवों को कौन बनाता है ? 
मैं कहता हु अरे भाई कितना मुर्ख बनाओगे। ये तो पुरानी बाते हो गयी। तुम्हारा उपवास पूजा सब ढोंग है। बस कुछ न कुछ मांगने का नाटक। खुद की रक्षा करने की रिश्वत। अगर ऐसा न होता तो पूजा घर बैठे आराम से भी हो सकती है। उसमे मंदिर, मस्जिद जाके दूध, खाना, पैसा, फल, प्रसाद बेकार करने से कौन सी मन को शांति मिलती है ?
उपवास पेट को आराम मिलना चाहिए इसलिए रखते हो ना ? फिर उपवास को ये नहीं चलता, वो नहीं चलता इसका क्या अर्थ हुआ ? ठीक है हल्का भोजन मान भी लेते है, लेकिन उसमे भी गलती से कुछ अलग खा लिया तो भगवान नाराज हो जायेंगे ये बात कहा से आती है ? क्या किसी भगवन ने खुद आके बताया की उपवास को यही खाना चाहिए ? या ये नहीं खाना चाहिए ?
एक बात और अगर उपवास पेट के लिए किया जाता है तो इसे तुम भगवान के नाम से क्यों रखते हो ? शनिवार शनि भगवान के नाम से, मंगल शंकर के नाम से, हर दिन को भगवान के नाम से बांटके रखा है, फिर क्यों कहते हो ये शरीर के लिए होता है। साफ साफ कहो ना भगवान के लिए रखते हो।
अगर आपका पैसा, फल, खाना, प्रसाद तुम किसी जरूरतमंद को देते हो तो तुम्हे आतंरिक समाधान तो होगा, लेकिन तुम्हे उससे भी कोई मतलब ही नहीं है। तुम बस भगवान को खुश करने के लिए ये नाटक करते रहते हो। तो क्या हो जाता है भगवान खुश ? मिट जाते है आपके सरे कष्ट ? नहीं ? क्यों भाई ? 
आपने तो उसके लिए इतना कुछ किया फिर भी ? फिर आसाराम, निर्मल बाबा, नित्यानंद, सत्य साईं जैसो को ही सब कुछ कैसे मिल जाता है ? उनके कष्ट क्यों दूर होते है ? सीधा नियम है “जो करेगा भगवान का धंदा, वो बनेगा सबसे अमिर बंदा ” इसके लिए पूजा पाठ करने की जरुरत नहीं पड़ती। बस ढोंग करना पड़ता है। ताकि लोगों को बेवकूफ बनाया जा सके। तब जाकर आपके सारे कष्ट दूर हो सकते है। क्योंकि मुफ्त में ही सब कुछ मिल जाता है।
भाई! मुझे इन बातों में नहीं पड़ना। मुझे सिर्फ इतना कहना है अगर भगवान अल्लाह ईश्वर है तो बस वो एक बार सामने आके बता दे की आखिर वो कौन है ? इससे ये फायदा है कि सबसे पहले तो सारे लोग एक ही भगवान को पूजने लगेंगे। जब भगवान एक होगा तो सभी का धर्म भी एक ही होगा। जब धर्म ही एक होगा तो धर्म के नाम पे दंगे नहीं होंगे। खून खराबा नहीं होगा। भगवान के नाम पर होने वाली लूटमार रुक जाएगी। सबसे बड़ी बात कोई भी नास्तिक नहीं बचेगा। क्योंकि खुद भगवान सामने आके बता रहा है तो इंकार कौन करेगा ? फिर आस्तिक नास्तिक जैसी कोई बात ही नहीं रहेगी। लोग भी भगवान के डर से अच्छा कर्म करेंगे। किसी से नफरत नहीं करेंगे। किसी को लूटेंगे नहीं। मारेंगे नहीं। आतंकवाद मिट जायेगा। सब खुश रहेंगे। खुले मन से एक दूसरे की मदद करेंगे, ताकि भगवान उसकी कृपा दृष्टि उन पर बनाये रखे।
पर मालूम नहीं आखिर भगवान ऐसा क्यों नहीं चाहता ? वो क्यों जान बूझकर लोगों को भड़काने में ही लगा रहता है। अरे भाई अब विश्वास रखे भी तो रखे किस पर। सबने अपने अपने तरीके से भगवन को दर्शाया है। हिन्दू कहते है उनके भगवान ने दुनिया बनायीं। मुस्लिम कहते है उनके अल्लाह ने दुनिया बनायीं। हर धर्म में एक दूसरे के प्रति नफरत है। कुरान कहता है जो अमुस्लिम है उन्हें काट डालो। वेद भी इसी प्रकार की बाते करता है। यार भगवान ने अपनी लड़ाई हम सब की क्यों बना दी ? भगवान अल्लाह ने कुछ नहीं लिखा। जो लिखा इंसान ने लिखा। इससे तो साफ साफ लगता है कुछ लोगों ने अपने स्वार्थ के लिए उनकी खुद की लड़ाई को भगवान अल्लाह से जोड़ दिया है। 
पर अब भी अंध भक्त कहते है। तुम नास्तिक हो तुम्हे भगवान के दर्शन नहीं हो सकते। अरे भाई! तुम तो आस्तिक हो न। तुम्हें मिला दर्शन ? चलो मान लेते है तुम इतने पवित्र नहीं, पर मंदिर मस्जिद के पंडित काजी तो इस लायक होंगे न फिर उन्हें दिए भगवान ने दर्शन ? नहीं ? क्यों भाई ?
कुछ बेवकूफ कहते है भगवान को देखना है तो मरने के बाद दिखेंगे जब तुम्हारे पाप पुण्य का हिसाब होगा। अरे भाई! मरने के बाद कौन आया था तुम्हे ये बताने की पाप पुण्य का हिसाब होता है। फिर स्वर्ग मिलता है या नरक। इस पर इनका जवाब होता है ये भगवान ने पुराने ग्रंथो में लिख के रखा है।
मेरे भाइयो! ये भगवान ने नहीं तुम्हारे जैसे ही कल्पना में खोये हुये इंसानो ने लिखा है। अगर ऐसा न होता तो एक कृष्णा तो दूसरा मुहम्मद नहीं होता। भगवान एक होता तो एक दूसरे को खत्म करने की बात न होती। लोगों ने खुद के हिसाब से उसको अपने दिमाग में बसाया हुआ है। नहीं तो ये बात बच्चा भी समझ सकता है की भगवान अल्लाह एक दूसरे को काटने की बात कैसे कर सकता है ?
क्या अब भी कोई सवाल बचता है ? मेरे हिसाब से तो भगवन कुछ भी नहीं करता फिर भी आप उसके पीछे भागते रहते हो। खुद की मेहनत, पैसा, खाना, उस पर बर्बाद करते हो। अरे भाई! इंसान हो इंसान बनके जियो। ये भेद बकरियों वाला जीवन जीके क्या हासिल करोगे ? किसी जानवर को देखा है पूजा करते ? उपवास करते ? अगर भगवान होते तो क्या दुनिया का एक भी जानवर उसके आगे मुंडी ना झुकाता ?
अब लोग यही कहेंगे की फिर पृथ्वी कैसे बनी। और वो घूम कैसे रही है ? अगर भगवान है ही नहीं तो हर एक चीज एक ही समय पर कैसे चलती है ? अरे भाई ! पृथ्वी किसी भगवान ने नहीं बनायीं। दो ग्रहो में टकराव होने के कारण पृथ्वी का निर्माण हुआ। धीरे धीरे वातावरण बनता गया जिससे जीव तैयार होते गए। अगर भगवान ने पृथ्वी बनायीं होती तो दुनिया में सबसे पहले डायनासोर, विशालकाय हाथी जैसे जानवर ना आते। सबसे पहले इंसान धरती पर आते। पर ऐसा नहीं हुआ। अगर भगवान ने दुनिया बनायीं होती तो मच्छर जैसे जानवर नहीं होते।
एक बार खुद के मन से पूछ लीजिये आखिर भगवान क्या करता है ?
- सिद्धार्थ बागड़े
 




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