अपनी उपाधि विक्रमशील के आधार पर उन्होंने एक ओर बिहार में विक्रमशील बौद्ध विहार ( विक ....
इस अत्यंत जटिल और कलात्मक मूर्ति में एक दिव्य पुरुष खड़ा है, जिसके पीछे असंख्य भुजाए ....
मुअन जो दड़ो (मोहनजोदड़ो) – सिंधु घाटी की प्राचीनतम सभ्यता का एक जीवित साक्ष्य, जिसन ....
प्राचीन काल में कोई साढ़े छः हजार किलोमीटर में फैला सिल्क रोड क्या था, जिससे एशिया, ....
खबर बिहार के लखीसराय जिले से है. वहां के कबैया क्षेत्र से किउल नदी के किनारे खेत से ....
गोस्वामी तुलसीदास ने संत रैदास का नाम कहीं नहीं और कभी नहीं लिया है, लेकिन वे संत रै ....
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आपको भ्रम हो सकता है कि ये बैठी हुई मूर्ति तथागत बुद्ध की है। लेकिन यह मूर्ति तथागत ....
सिरपुर का प्राचीन नाम लोग श्रीपुर बता रहे हैं। मगर पुरातत्व में " श्री " का इस्तेमाल ....
कबीर खुद बड़े संत थे, कबीर ने रैदास को संतो का संत कहा है, विचार कीजिए कि रैदास कितन ....
बौद्ध स्मारक कोई 46 किलो का है। दो मंजिला है। प्रत्येक मंजिल पर 4 - 4 बुद्ध उकेरे गए ....
ये " नाक " नामांत के नाम महार आदि अछूतों के हैं। वेरियर एल्विन ने बताया है कि इसी " ....