मृत्युभोज निषेध अधिनियम 1960 Narendra Shende narendra.895@rediffmail.com Sunday, August 8, 2021, 11:57 AM मृत्युभोज निषेध अधिनियम 1960 सरकार द्वारा मृत्यु भोज निषेध अधिनियम 1960 लगभग 6 दशकों पूर्व ही लागू कर मृत्युभोज करने पर पाबंदी लगाई जा चुकी है । इस अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार कोई भी व्यक्ति मृत्युभोज करता है तो या उसकी सूचना जिला प्रशासनिक अधिकारी ,उपखंड अधिकारी को देकर मृत्युभोज रुकवाने की आवश्यक कार्यवाही कर सकता है। दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध निम्नानुसार कानूनी कार्यवाही एवं दंड का प्रावधान है। (१) अधिनियम की धारा 3 में प्रावधान है कि कोई भी व्यक्ति मृत्युभोज न तो आयोजित करेगा और ना ही जीमण करेगा । (२) अधिनियम की धारा 4 में लिखा है कि जो व्यक्ति मृत्यु भोज करेगा तथा करने के लिए उकसायगा , सहायता करेगा ,उसको 1 वर्ष का कारावास या ₹1000 का जुर्माना अथवा दोनों से दंडित किया जा सकता है। (३) धारा 5 के अनुसार यदि किसी व्यक्ति , पंच ,सरपंच, पटवारी, ग्राम सेवक को मृत्यु भोज आयोजन की सूचना एवं पता हो तो मजिस्ट्रेट, उपखंड अधिकारी, पुलिस अधिकारी को सूचना देकर स्टे लेकर नुक्ता को रुकवा सकता है एवं सामान को ज़ब्त करवा सकता है। फिर भी यदि कोई व्यक्ति मृत्युभोज करता है, तो धारा 6 के अनुसार 1 वर्ष का कारावास अथवा ₹1000 जुर्माना तथा दोनों से दंडित किया जा सकता है। (४) धारा 7 के अनुसार यदि कोई व्यक्ति मृत्युभोज करता है, और हल्का पटवारी, ग्राम सेवक ,सरपंच कोर्ट या पुलिस को सूचना नहीं देता है तो ऐसे ग्राम सेवक, पटवारी ,सरपंच को भी 3 माह की सजा या ₹1000 जुर्माना, अथवा दोनों से दंडित किए जाने का प्रावधान है। (५) धारा 8 के अनुसार कोई बनिया, महाजन बोहरा किसी को उधार राशि या सामान देखकर नुक्ता करवाता है, तो वह उधारी की राशि वापस प्राप्त करने का अधिकारी नहीं होगा ,तथा उधारी देने वाला भी 1 वर्ष के कारावास एवं 1000 के दंड का भागी होगा । अर्थात मृत्युभोज तो वर्षों पूर्व से ही बंद किया जा चुका है परंतु शिक्षा के अभाव में लोग इसकी पालन नहीं कर रहे। समाज में अब कुछ शिक्षा का विकास होने लगा है और मृत्यु भोज के गुण दोषों को समझने लगे हैं । मृत्युभोज करने वालों के विरुद्ध मृत्यु भोज निषेध अधिनियम 1960 के प्रावधानों के अनुसार प्रशासन के जरिये पाबंद करवाया जा सकता है ,तथा पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई जा सकती है। मृत्युभोज एक अभिशाप है। इसलिए समाज के हम सभी साथियों को शपथ ले लेनी चाहिये कि न हम मृत्युभोज करेंगे, और न ही ऐसे कार्यक्रम में भाग लेंगे। मृत्युभोज एक अभिशाप है। उमेश बैरवा इंदौर से Tags : funeral action necessary the Sub-Divisional Officer District Administrative Officer information funeral person provisions According Death Supper Prohibition Act 1960 implementing