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बाबासाहब की मानवतावादी विचारधारा

Sumedh Ramteke

Wednesday, May 1, 2019, 05:00 PM
ambedkar

बाबासाहब की मानवतावादी विचारधारा
हमारे एक ओबीसी साथी कोलंबिया युनिव्हर्सिटी, अमेरिका गये और उन्होने देखा की,डॉ. बाबासाहब आंबेडकर का स्टेच्यू है, उन्होने देखा की गांधी और नेहरू का स्टेच्यू वंहा नही, तो हेड ऑफ डिपार्टमेन्ट से पूछा कि, यह स्टेच्यू किसका है.उन्होने कहां ‘‘आप कोन से देश के है?‘‘ उत्तर में कहां हम इंडिया से आये है। मुझे आपका पासपोर्ट बताओ, क्योंकि जो डॉ. आंबेडकर को नहीं जानते तो आप इंडियन कैसे हो सकता है। डॉ. बाबासाहब आंबेडकर ने जो काम संविधान बनाकर किया वह किसी ने नही किया।
यंहा के एक बडे स्कॉलर स्टूडेंट थे। यह साथी लंदन पहुंचे, लंदन के इंडिया ऑफिस लायब्रेरी में उन्होने देखा की वहां के सेन्ट्रल हॉल में डॉ. बाबासाहब आंबेडकर का पोरट्रेट लगा है। डॉ. बाबासाहब आंबेडकर ने 1000 दिनो में 16000 किताबो को पढा है। उन्होने फिर चीफ लायब्ररीयन को पूछा की हमारे देश के गांधी और नेहरू देश दो बडे नेता है, उनका पोरट्रेट क्यो नही है ? उन्होने कंहा भाई आपकी तबीयत तो ठीक है, अगर आपकी तबीयत ठीक है तो जरूर आपका दिमाग खराब होगा। दुनिया में अगर मानवतावाद के लिये किसी ने काम किया तो वह डॉ. आंबेडकर है। गांधी और नेहरू का मानवतावाद के लिये कुछ भी योगदान नही है। डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की मानवतावादी विचारधारा यह ग्लोबल विचारधारा है। गांधी के साथ डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की तुलना कर के डॉ. आंबेडकर को क्यों छोटा बनाते हो ?
- सुमेध रामटेके

 





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