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जिन्दगी के सच

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Wednesday, May 1, 2019, 07:26 AM
Jindi ke such

जिन्दगी के सच
कुएं में उतरने वाली बाल्टी यदि झुकती है, तो भरकर बाहर आती है जीवन का भी यही गणित है, जो झुकता है वह प्राप्त करता है।
जीवन में किसी का भला करोगे, तो लाभ होगा, क्योंकि भला का उल्टा लाभ होता है, और
जीवन में किसी पर दया करोगे, तो वो याद करेगा क्योंकि दया का उल्टा याद होता है।
भरी जेब ने ‘‘दुनिया’’ की पहेचान करवाई और खाली जेब ने ‘‘इन्सानो’’ की, जब लगे पैसा कमाने, तो समझ आया, शौक तो मां-बाप के पैसों से पुरे होते थे, अपने पैसों से तो सिर्फ जरूरतें पुरी होती है।

गरीब दूर तक चलता है..... खाना खाने के लिए......।
     अमीर मीलों चलता है..... खाना पचाने के लिए......।
     किसी के पास खाने के लिए..... एक वक्त की रोटी नहीं है.....
     किसी के पास खाने के लिए..... वक्त नहीं है.....।
     कोई लाचार है.... इसलिए बीमार है....।
     कोई बीमार है.... इसलिए लाचार है....।
     कोई अपनों के लिए.... रोटी छोड़ देता है...।
     कोई रोटी के लिए..... अपनों को छोड़ देते है....।
     ये दुनिया भी कितनी निराळी है। कभी वक्त मिले तो सोचना...
     कभी छोटी सी चोट लगने पर रोते थे.... आज दिल टूट जाने पर भी संभल जाते है।
     पहले हम दोस्तों के साथ रहते थे..आज दोस्तों की यादों में रहते है..।
     पहले लड़ना मनाना रोज का काम था.... आज एक बार लड़ते है, तो रिश्ते खो जाते है।
     सच में जिन्दगी ने बहुत कुछ सीखा दिया, जाने कब हमकों इतना बड़ा बना दिया।

अगर उपवास करके भगवान खुश होते, तो इस दुनिया में बहुत दिनो तक खाली पेट रहने वाला भिखारी सबसे सुखी इन्सान होता। उपवास अन्न का नहीं विचारों का करे।
इंसान खुद की नजर में सही होना चाहिए, दुनिया तो भगवान से भी दुखी है, चिड़िया जब जीवित रहती है तब वो चिंटी को खाती है, चिड़िया जब मर जाती है तब चींटिया उसको खा जाती है। इसलिए इस बात का ध्यान रखो की समय और स्थिति कभी भी बदल सकते है, इसलिए कभी किसी का अपमान मत करो कभी किसी को कम मत आंको। तुम शक्तिशाली हो सकते हो पर समय तुमसे भी शक्तिशाली है।
एक पेड़ से लाखो माचिस की तीलिया बनाई जा सकती है पर एक माचिस की तिल्ली से लाखो पेड़ भी जल सकते है। कोई चाहे कितना भी महान क्यों ना हो जाए, पर कुदरत कभी भी किसी को महान बनने का मौका नहीं देती।
कंठ दिया कोयल को, तो रूप छीन लिया।
रूप दिया मोर को, तो इच्छा छीन ली ।
दी इच्छा इन्सान को, तो संतोष छीन लिया ।
दिया संतोष संत को, तो संसार छीन लिया ।
दिया संसार चलाने देवी-देवताओं को, तो उनसे भी मोक्ष छीन लिया।
मत करना कभी भी गुरूर अपने आप पर ‘‘ऐ इंसान’’
भगवान ने तेरे और मेरे जैसे कितनो को मिट्टी से बना के, मिट्टी में मिला दिए ।
इंसान दुनिया में तीन चीजो के लिए मेहनत करता है
1. मेरा नाम ऊँचा हो  2. मेरा लिबास अच्छा हो 3. मेरा मकान खूबसूरत हो
    लेकिन इंसान के मरते ही भगवान उसकी तीनों चीजे सबसे पहले बदल देता है
1. नाम = (स्वर्गीय ) 2. लिबास = (कफन ) 3. मकान = ( शमशान )
जीवन की कड़वी सच्चाई जिसे हम समझना नहीं चाहते 
एक पत्थर सिर्फ एक बार मंदिर जाता है और भगवान बन जाता है, इंसान हर रोज मंदिर जाते है फिर भी पत्थर ही रहते है।
एक औरत बेटे को जन्म देने के लिये अपनी सुन्दरता त्याग देती है, और वही बेटा एक सुन्दर बीवी के लिए अपनी माँ को त्याग देता है।
जीवन में हर जगह हम ‘‘जीत’’ चाहते हैं, सिर्फ फूलवाले की दूकान ऐसी है जहाँ हम कहते हैं कि ‘‘हार’’ चाहिए, क्योंकि हम भगवान से ‘‘जीत’’ नहीं सकते।
वक्त का पता नहीं चलता अपनों के साथ पर अपनों का पता चलता है, वक्त के साथ वक्त नहीं बदलता अपनों के साथ, पर अपने जरूर बदल जाते हैं वक्त के साथ। 
जिन्दगी पल-पल ढलती है, जैसे रेत मुट्ठी से फिसलती है, शिकवे कितने भी हो हर पल, फिर भी हँसते रहना, क्योंकि ये जिन्दगी जैसी भी है, बस एक ही बार मिलती है।

नींद और मौत में क्या फर्क है ?
किसी ने क्या खूबसूरत जवाब दिया है।
“नींद आधी मौत है” और
“मौत मुकम्मल नींद है”
जिंदगी तो अपने ही तरीके से चलती है।
औरों के सहारे तो जनाजे उठा करते हैं।
सुबहे होती है, शाम होती है, उम्र यू ही तमाम होती है ।
कोई रो कर दिल बहलाता है और
कोई हँस कर दर्द छुपाता है।
क्या करामात है कुदरत की,
जिंदा इंसान पानी में डूब जाता है
और मुर्दा तैर के दिखाता है।
बस के कंडक्टर सी हो गयी है जिंदगी ।
सफर भी रोज का है और जाना भी कही नहीं।
सफलता के सात भेद, मुझे अपने कमरे के अंदर ही उत्तर मिल गये।
छत ने कहा - ऊँचे उद्देश्य रखो !
पंखे ने कहा - ठन्डे रहो !
घडी ने कहा - हर मिनट कीमती है !
शीशे ने कहा - कुछ करने से पहले अपने अंदर झांक लो !
खिड़की ने कहा - दुनिया को देखो !
कैलेंडर ने कहा - न्च-जव-कंजम रहो !
दरवाजे ने कहा - अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पूरा जोर लगाओ !
लकीरें भी बड़ी अजीब होती हैं।
माथे पर खिंच जाएँ तो किस्मत बना देती हैं
जमीन पर खिंच जाएँ तो सरहदें बना देती हैं
खाल पर खिंच जाएँ तो खून ही निकाल देती हैं
और रिश्तों पर खिंच जाएँ तो दीवार बना देती हैं।
एक रूपया एक लाख नहीं होता,
मगर फिर भी एक रूपया एक लाख से निकल जाये तो वो लाख भी लाख नहीं रहता
हम आपके लाखों दोस्तों में बस वही एक रूपया हैं।
संभाल के रखना, बाकी सब मोह माया है

1.    असफलता का मतलब है कि प्रयास संपूर्ण नहीं था।
2.    वो करो जो बात दुनिया कहें या वह करो कि दुनिया बात करे।
3.    आँखें निर्दोष हो तो सारी दुनिया सुंदर लगती है।
4.    खुद की हिम्मत दूसरो की मदद के बराबर होती है।
5.    उम्मीद पर दुनिया चलती है, जिन्हें दौड़ना हो वो कोशिश करते हैं।
6.    मेहनत किस्मत की चाबी है, मगर धैर्य उसका ‘मास्टर की’ है।

जिंदा रहने से कुछ ज्यादा करे - जिंए
छूने से कुछ ज्यादा करे - महसूस करें
देखने से कुछ ज्यादा करें -    ध्यान दें
सुनने से कुछ ज्यादा करें - समझें

7.   हमारे “आदर्श” बदलते है तो, हमारे “विचार” बदलते है।
“विचार” बदलते है तो, “सोचने का तरीका” बदल जाता है।
“सोचने का तरीका” बदल जाता है तो, हमारी “मानसिकता” बदल जाती है।
“मानसिकता” बदलती है तो, हमारे “तर्क” बदल जाते है।
हमारे “तर्क” बदलते है तो, हम “सवाल जवाब” करते है।
हम “सवाल जवाब” करते है तो, हमारे बिच “चर्चा” ए होती है।
हमारे बीच “चर्चा” होती है तो, हमे “सही और गलत” का “ज्ञान” होता है।
“सही और गलत” का “ज्ञान” हो जाए तो, हम आपने “हकधिकार” पाने के लिए “विद्रोह” करते है।
हम आपने “हकधिकार” मिलने के लिए “विद्रोह” करते है तो, हम में “त्याग”, “समर्पण”, “बलिदान” करने का “जज्बा” निर्माण हो जाता है।
“त्याग”, “समर्पण”, “बलिदान” करने का “जज्बा” निर्माण हो जाता है तो, हमे कोई “पराजित” नही कर सकता ।

8. बड़े लोगों को अपना जरूर बनाओ, लेकिन छोटे लोगों को भी अपनाओ, क्योंकि, ’अंतिम समय वही कन्धा देते है, बड़े लोग तो कार से सीधे कब्रिस्तान पहुँच जाते है।

9. मुसीबत में अगर मदद मांगो तो सोच कर मांगना क्योंकि मुसीबत थोड़ी देर की होती है, और एहसान जिंदगी भर का।
10. कल एक इन्सान रोटी मांगकर ले गया और करोड़ों कि दुआयें दे गया, पता ही नहीं चला की, गरीब वो था की मैं।
11. जिस घाव से खून नहीं निकलता, समझ लेना वो जख्म किसी अपने ने ही दिया है।
12. अहंकार दिखा के किसी रिश्ते को तोड़ने से अच्छा है कि माफी मांगकर वो रिश्ता निभाया जाये।
13. जिन्दगी तेरी भी अजब परिभाषा है, सँवर गई तो जन्नत, नहीं तो सिर्फ तमाशा है।
14. खुशीयाँ तकदीर में होनी चाहिये, तस्वीर मे तो हर कोई मुस्कुराता है।
15. इतनी चाहत तो लाखों रुपये पाने की भी नही होती, जितनी बचपन की तस्वीर देखकर बचपन में जाने की होती है।
16. हमेशा छोटी छोटी गलतियों से बचने की कोशिश किया करो, क्योंकि इन्सान पहाड़ो से नहीं पत्थरों से ठोकर खाता है।
17. मनुष्य का अपना क्या है ?’
जन्म    -     दुसरो ने दिया
नाम      -     दुसरो ने रखा
शिक्षा     -        दुसरो ने दी
रोजगार     -    दुसरो ने दिया और
शमशान     -     दुसरे ले जाएंगे
तो व्यर्थ में घमंड किस बात पर करते है लोग।
18. प्रकृति का कालचक्र नियम देखिए:
1. बचपन - समय है, शक्ति है, लेकिन पैसा नहीं है।
2. युवावस्था - शक्ति है, पैसा है, लेकिन समय नहीं है।
3. बुढ़ापा - पैसा है, समय है, लेकिन शक्ति नहीं है।
प्रकृति का कोई जबाब नहीं इसलिए प्रतिदिन हर्ष, उल्लास और खुशी में जीवन बिताएं।

19. मंजिल मिले ना मिले ये तो मुकदर की बात है,
हम कोशिश भी ना करे ये तो गलत बात है।
जिन्दगी जख्मो से भरी है, वक्त को मरहम बनाना सीख लो,
हारना तो है एक दिन मौत से, फिलहाल जिन्दगी जीना सीख लो।।
20. मुस्कान ह्दय की मधुरता की तरफ इशारा करती है, और शांति बुद्धि की परिपक्वता की तरफ इशारा करती है, और दोनों का ही होना एक मनुष्य की संपूर्णता होने का इशारा करते हैं।

21. अकेले ही लड़नी होती है’, ’जिंदगी की लड़ाई क्योंकि लोग सिर्फ तसल्ली देते है साथ नही।
22. ’“शिक्षक” और “सड़क”’
’दोनों एक जैसे होते हैं’
’खुद जहाँ है वहीं पर रहते हैं’
’मगर दुसरो को उनकी’
’मंजिल तक पहुंचा हीं देते हैं!’

 

23. ‘समस्या’ के बारे में सोचने से, बहाने मिलते हैं
‘समाधान’ के बारे में सोचने पर रास्ते मिलते है।

24. जिन्दगी को ‘आसान’ नहीं,
बस खुद को ‘मजबूत’ बनाना पड़ता है।

25. उत्तम समय कभी नहीं आता, समय को उत्तम बनाना पड़ता है।

26. पायल हजारो रूपये में आती है पर पैरो में पहनी जाती है और बिंदी एक रूपये में आती है मगर माथे पर सजाई जाती है, इसलिए कीमत मायने नहीं रखती उसका कृत्य मायने रखता हैं।
27. एक किताब घर में पड़ी गीता और कुरान आपस में कभी नहीं लड़ते और जो उनके लिए लड़ते हैं वो कभी उन दोनों को नहीं पढ़ते।
28. नमक की तरह कड़वा ज्ञान देने वाला ही सच्चा मित्र होता है, मीठी बात करने वाले तो चापुलुस भी होते है, इतिहास गवाह है की आज तक कभी नमक में कीड़े नहीं पड़ते और मिठाई में तो अक्सर कीड़े पड़ जाया करते है।
29. अच्छे मार्ग पर कोई व्यक्ति नही जाता पर बुरे मार्ग पर सभी जाते है, इसीलिये दारू बेचने वाला कही नही जाता, पर दूध बेचने वाले को घर, गली -गली, कोने- कोने जाना पड़ता है और दूध वाले से बार-बार पूछा जाता है कि पानी तो नही डाला पर दारू में खुद हाथो से पानी मिला-मिला पीते है।

30. कुंडली में शनि, दिमाग में मनी और जीवन में दुश्मनी तीनो हानिकारक होते है।
31. बदला लेने में क्या मजा है, मजा तो तब है जब तुम सामने वाले को बदल डालो
32. इन्सान की चाहत है कि उड़ने को पर मिले और परिंदे सोचते हैं कि रहने को घर मिले
33. कर्मो से ही पहचान होती है इंसानो की महेंगे कपड़े तो पुतले भी पहनते है दुकानों में

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