अनुचित व्यवहार TPSG Saturday, May 4, 2019, 08:21 AM अनुचित व्यवहार ज्यादातर लोगों की आदत होती है कि अच्छी चीजों का श्रेय वे खुद हासिल करना चाहते हैं और बुरी चीजों के लिए दूसरों पर दोषारोपण कर देते हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि हम अपनी नाकामयाबी को पचाने की क्षमता नहीं रखते और सोचते हैं कि इसके लिए हम नहीं परिस्थितियां जिम्मेदार थी। हमें इस बात पर विश्वास करना चाहिए कि जब हम उपलब्धि के लिए खुद को बधाई का पात्र मानते हैं, तो फिर नाकामयाबी की दशा में ऐसा क्यों नहीं कर सकते। आदर्श स्थिति तो यह है कि हमें अच्छी चीजों का श्रेय दूसरों को देना चाहिए और उसकी खामियों की जिम्मेदारी खुद लेनी चाहिए। अपनी प्रगति में दूसरों का योगदान स्वीकारना बड़प्पन है। एक व्यक्ति शहर के एक नामी-गिरामी स्कूल के प्रिंसिपल थे। ज्वाइन करने से पहले 9 महीने तक वे नौकरी के तलाश में थे और कई प्रयासों के बावजूद उन्हें ढंग की नौकरी नहीं मिल पा रही थी। अंततः उन्हें यह नौकरी मिली और सबकुछ ठीक हो गया। कुछ समय के बाद उनका स्वभाव उग्र और हठी हो गया। एक समय तो ऐसा आया कि वे इस मुगालते में जीने लगे कि अब उनके बिना यह संस्था नहीं चल सकती थी। वे प्रतिदिन जटिल बनते गए और किसी भी मीटिंग के दौरान अपने वरिष्ठ साथियों को नीचा दिखाने का मौका नहीं चुकते थे। उनके कुछ सीनियर्स का चयन समाज द्वारा किया गया था, जो शहर के प्रतिष्ठित व्यापारिक घरानों से संबंध रखते थे। लेकिन इन सबके बावजूद उनमें से कुछ लोग उनकी कद्र करते थे, जिससे उनकी उग्रता को बढ़ावा मिला। यह सब 2 साल तक चलता रहा। बाद में वे अपने दोस्तों की भी अनदेखी करने लगे। शहर का प्रतिष्ठित स्कूल होने की वजह से उस स्कूल में एडमिशन के लिए मारा-मारी की हालत रहती थी, लेकिन वे उसी का पक्ष लेते थे जो उनसे सीधे संपर्क करता था। समय बीतता गया और वे समझने लगे कि उन्होंने अब तक जो कुछ हासिल किया है, वह अपनी योग्यता और क्षमता के बलबूते पर हासिल किया है। वे यह भी मानने लगे कि उनकी सफलता में दूसरे की तनिक भी भूमिका नहीं है। लेकिन एक दिन ऐसी घटना हुई कि उन्हें भी एक क्षण के लिए विश्वास नहीं हुआ। स्कूल प्रबंधन ने सर्वसम्मति से उन्हें निष्कासित कर दिया था। यह सब उनके उग्र आचरण के कारण हुआ था। हमें इस घटना से सबक लेना चाहिए। हमें खुद को परिस्थितियों के मुताबिक खुद को ढालकर लोगों से दोस्ताना रवैया अपनाना होगा, तभी आप अपने करियर की ऊंचाइयों पर पहुंच सकते हैं। आप अपने विचारों के अनुसार हर किसी को अपनी सुविधा नहीं दे सकते और न ही हर व्यक्ति को अपनी सेवाएं मुहैया कराने में सक्षम हो सकते हैं, लेकिन फिर भी सभी लोगों के प्रति विनम्रता का भाव प्रकट करते हैं। यही आचरण आपको शीर्ष पर ले जाता है। उग्रता और नकारात्मक व्यवहार दूसरों को आहत करता है जिसका खामियाजा एक दिन आप जरूर झेलते हैं। - टीपीएसजी Tags : circumstances responsible failure good things credit people