अंग्रेजो के गुलाम तमाम देश TPSG Tuesday, December 14, 2021, 04:44 PM अंग्रेजो के गुलाम तमाम (62) देशों के स्वतंत्रता की कहानी हम भारतीयों को कभी किताब में नहीं पढ़ाई गई ताकि हम इन रंगा और बिल्ला की जोड़ी को महान समझते रहे अफगानिस्तान भी अंग्रेजों का गुलाम था और उसका नाम नार्दन परसिया था अफगानिस्तान के लोगों ने अपनी आजादी के लिए अंग्रेजों से तीन बार सेना बनाकर भीषण लड़ाई लड़ी ठीक उसी तरह से जिस तरह की आजादी नेताजी सुभाष चंद्र बोस लेना चाहते थे तीसरा एंग्लो अफगान युद्ध के बाद जो 1919 में हुआ उसके बाद अंग्रेज समझ गए कि अफगानिस्तान को गुलाम बनाने में उनका बहुत नुकसान है क्योंकि हजारों सैनिक मारे गए कई अंग्रेज अधिकारी भी मारे गए थे फिर 1919 में ट्रीटी आफ रावलपिंडी या फिर एंगलो अफगान ट्रीटी आफ 1919 समझौता हुआ और इस समझौते में अंग्रेजों ने यह स्वीकार कर लिया कि वह ब्रिटिश इंडिया को खैबर पास से आगे नहीं बढ़ाएंगे और फिर एक लाइन खींची गई जिसे डूरंड लाइन कहते हैं और वह डूरंड लाइन ब्रिटिश इंडिया और अफगानिस्तान की सीमा रेखा होगी और इस तरह से अफगानिस्तान ने लड़कर अंग्रेजों से 1919 में ही आजादी ले लिया क्योंकि वहां गांधी और नेहरू नहीं थे इसीलिए अफगानिस्तान का विभाजन नहीं हुआ जबकि अफगानिस्तान में लाखों कबीले थे सोचिए अगर अफगानी भी धरना प्रदर्शन असहयोग आंदोलन जेल भरो आंदोलन करते तो क्या वो 1919 में आजाद हो सकते थे ? और इतना ही नहीं अंग्रेजों ने अफगानिस्तान को दो टुकड़ों में बांटने की हिम्मत भी नहीं किया एक और देश के आजादी की कहानी बड़ी रोचक है और वह है इजिप्ट यानी मिश्र जितने भी अंग्रेजों से 1922 में ही आजादी ले लिया लेकिन स्वेज कैनाल जिसे फ्रांस ब्रिटेन और कुछ यूरोपियन देशों ने मिलकर बनाया था उस पर 1956 तक अधिकार अंग्रेजों का ही रहा वहां पर ब्रिटिश सेना तैनात रहती थी जो इस बात का निर्णय करती थी कि कौन सा जहाज स्वेज कैनाल से होकर जाएगा और कौन सा जहाज नहीं जाएगा और स्वेज कैनाल से जो टोल वसूला जाता था वह ब्रिटिश सरकार ही टोल वसूलती थी इजिप्ट ने कई बार स्वेज कैनाल पर अपना हक जताया लेकिन अंग्रेजों ने उन्हें नही दिया फिर बाद में अंग्रेजों ने 1950 में इजिप्ट से एक समझौता किया कि 99 साल के पट्टे के बाद स्वेज कैनाल पर इजिप्ट का अधिकार हो जाएगा फिर 1956 में सेना के कर्नल अब्दुल नासिर तख्ता पलटकर इजिप्ट के राष्ट्रपति बने और उन्होंने कहा कि हम 99 साल इंतजार नहीं कर सकते और उन्होंने स्वेज कैनाल का राष्ट्रीयकरण कर दिया और स्वेज कैनाल के पास जितनी भी अंग्रेजों की सेना थी उन पर हमला करके उन्हें गिरफ्तार कर लिया और ब्रिटेन और फ्रांस इजिप्ट का कुछ नहीं बिगाड़ सकी और तब से आज तक स्वेज कैनाल इजिप्ट का है और इजिप्ट की रेवेन्यू में 30% हिस्सा स्वेज कैनाल से आता है सोचिए अगर कर्नल नासिर अंग्रेजों की सेना के सामने धरना देते प्रदर्शन देते अनशन करते तो क्या स्वेज कैनाल पर इजिप्ट का कभी अधिकार हो सकता था ?? इराक भी अंग्रेजों का गुलाम था और इराक में भी भारत की तरह कई धर्मों के लोग रहते थे फिर भी इराक ने लड़कर 1932 में ही आजादी ले लिया हालांकि अंग्रेज चाहते थे कि इराक को दो भाग में तोड़कर एक कुर्दिस्तान बना दिया जाए लेकिन इराक में कोई नेहरू और गांधी नहीं था इसीलिए इराक का विभाजन नहीं हुआ अफसोस भारत के इतिहास के सबसे बड़े विलेन को हमें भारत के इतिहास का महान व्यक्ति और स्वतंत्र भारत का निर्माता बताया जाता है Jitendra Pratap Singh Tags : British officers Afghanistan enslavement British understood Third Anglo-Afghan