वप्पमंगल बौद्ध उत्सव Pratap Chatse Sunday, May 4, 2025, 01:50 PM अक्षय तृतीया (अखाजी) यह वास्तव में प्राचीन "वप्पमंगल बौद्ध उत्सव" है| अखाजी अर्थात अक्षय तृतीया एक बौद्ध पर्व है, जिसे प्राचीन काल में मूलनिवासी लोग वप्पमंगल उत्सव के नाम से मनाते थे| वप्पमंगल उत्सव भारत की महान सिंधुकालीन प्राक बौद्ध सभ्यता का एक कृषि उत्सव था। इसे पाली साहित्य में वप्पमंगल उत्सव कहा गया है। वर्ष की पहली फसल लेने के लिए खेतों को तैयार करने के लिए पहला हल इस दिन चलाऐं जाने की प्राचीन परंपरा है। हमारे पुरखों ने इसके लिए एक दिवस तय किया था, उसे ही अखाजी कहते है| तथागत बुद्ध के पिता शुद्धोदन अपने पांचसौ हलों के साथ यह उत्सव मनाते थे और राजा होने के नाते पहला हल चलाकर इस कृषि उत्सव का शुभारंभ करते थे| तथागत बुद्ध अपने बचपन में जब इस उत्सव के दिन जम्बूवृक्ष के नीचे बैठे थे, तो एकांत में उन्हें ध्यान का पहला चरम प्राप्त हुआ था, जिसका उपयोग उन्होंने बोधगया में पिपल वृक्ष के नीचे बुद्धत्व प्राप्ति के लिए हुआ था| इसलिए, बौद्ध धर्म में यह दिन अत्यंत महत्वपूर्ण है| तथागत बुद्ध को कभी न मिटने वाला "अक्षय त्रिविध ज्ञान" प्राप्त करने में वप्पमंगल उत्सव महत्वपूर्ण था| यही कारण है कि, बौद्ध लोग आज भी वप्पमंगल उत्सव को अक्षय तृतीया या अखाजी के रूप में मनाते है| अर्थात, अक्षय तृतीया या आखाजी प्राचीन बौद्ध उत्सव है जिसे आज भी किसान लोग मनाते हैं| परशुराम एक काल्पनिक पात्र है और उसका वास्तविक इतिहास में कोई अस्तित्व नहीं है| सम्राट अशोक को काउंटर करने के लिए ब्राम्हणों ने काल्पनिक परशुराम को बनाया था| सम्राट अशोक की संपुर्ण धम्मक्रांती से ब्राम्हणों में भयंकर डर और घबराहट पैदा हुई थी| इस डर को खत्म करने के लिए ब्राम्हणों ने काल्पनिक परशुराम को कथा लिखकर पैदा किया| प्राचीन बौद्धवप्पमंगल बौद्ध उत्सव का ब्राम्हणीकरण करने के लिए ब्राम्हणों ने काल्पनिक पात्र परशुराम को इस उत्सव के साथ अक्षय तृतीया के नाम से जोड दिया है| अक्षय तृतीया मतलब अक्षय त्रिविध बुद्धज्ञान का दिन है| बुद्ध को वप्पमंगल उत्सव के दिन अक्षय त्रिविध ज्ञान खेत में जम्बुवृक्ष के नीचे प्राप्त हुआ था| इसलिए, अक्षय तृतीया, आखजी और वप्पमंगल उत्सव एक ही है, ऐतिहासिक है और प्राचीन बौद्ध उत्सव है| काल्पनिक कथाओं के खारिज हो जानेपर ही वास्तविक इतिहास का पता चलता है| इसलिए, परशुराम का और अक्षय तृतीया या आखजी उत्सव का कोई भी संबंध नहीं है| अक्षय तृतीया या अखाजी वास्तव में प्राचीन वप्पमंगल बौद्ध उत्सव ही है| -- डा. प्रताप चाटसे, सनातन धम्म अभ्यासक Tags : Buddhist civilization agricultural festival Vappamangal festival Buddhist festival Akshaya Tritiya Akhaji