यवतमाल के नजदीक माहूर प्रसिद्ध स्थल है जिसे माहुरगढ भी कहते हैं| प्राचीन काल में यह ....
पिपल ज्ञान का वृक्ष (बोधिवृक्ष या Tree of Knowledge) कहा जाता है क्योंकि बुद्ध को पि ....
अखाजी अर्थात अक्षय तृतीया एक बौद्ध पर्व है, जिसे प्राचीन काल में मूलनिवासी लोग वप्पम ....
बौद्ध भिक्षुओं की जगह पर इस तरह ब्राह्मण स्थापित हुए और बौद्ध क्षत्रियों का ब्राह्मण ....
*तिब्बती परंपरा में तारा देवी को आंतरिक गुणों को विकसित करने के लिए ध्यानी देवी के र ....
माता - पिता की सेवा करनेवाले बोधिसत्व श्रमक की स्मृति में पुष्कलावती मैं स्तूप बना थ ....
कैमूर के चांद प्रक्षेत्र के बेचिरागी मौजा बसहा में यह 'मुरमुरिया' गुफा के नाम से जान ....
बुढादेव, बुद्ध देव और याहवे एक ही है| तथागत बुद्ध को ही गोंड लोग बुढा देव (बुद्धा दे ....
नौरात्र में कलशपूजन, बीजरोपण, देवी पुजा यह सभी बौद्ध परंपराएँ हैं| कलश स्थापना करना ....
गोंडवाना मुगलकालीन शब्द है| प्राचीन बौद्ध साहित्य तथा वेद उपनिषद जैसे प्राचीन ब्राह् ....
महिंसासक एक बौद्ध पंथ था, जो सम्राट अशोक के पहले हुई दुसरी संगिती के बाद उत्पन्न हुआ ....
बौद्ध शब्द "समनार" से चमार शब्द बना है| बौद्ध भिक्खुओं को समन या समनार कहा जाता था| ....