imagesimagesimagesimages
Home >> इतिहास >> माहूर प्राचीन बौद्ध विहार

माहूर प्राचीन बौद्ध विहार

Pratap Chatse

Friday, June 20, 2025, 05:04 PM
ghati

माहूर प्राचीन बौद्ध विहार था और उसका बौद्ध नाम "महारपुरी" था|

यवतमाल के नजदीक माहूर प्रसिद्ध स्थल है जिसे माहुरगढ भी कहते हैं| प्राचीन काल में यह प्रसिद्ध बौद्ध स्थल था और वहाँ रेणुका महार देवी की पुजा होती थी, जो वास्तव में बुद्धमाता महामाया देवी थी| गुरुवंस काव्य के अनुसार आदि शंकराचार्य ने इस बौद्ध स्थल को भेंट देकर उसको ब्राह्मणवादी मंदिर में तब्दील किया था| (Sankara digvijaya, p. xxxiv)

माहूर की तरह रेणुका माता की कार्ले गुफा के सामने एकविरा देवी के नाम से पुजा होती है| (Mahur Mahatmya, VII. 5) रेणुका देवी की तरह एकविरा देवी भी बौद्ध देवता है और वह बुद्धमाता महामाया है| (Kapoor, 2002)

बुद्धमाता महामाया देवी का ब्राह्मणीकरण करने के लिए ब्राम्हणों ने 7 वी सदी के बाद देवी पंथ (Devi Cult) विकसित किया और देवीमहापुराण लिखकर बुद्धमाता महामाया देवी को एकविरा, रेणुका, यल्लम्मा, मातंगी देवी, सितला देवी और मरिमाई जैसे विभिन्न नामों से पेश किया| इसी तरह, ब्राम्हणों ने काल्पनिक पुराणों के द्वारा बुद्धमाता महामाया को परशुराम की माता रेणुका बताया और इस झुठी कथा का प्रचार किया| (Beyond Parsurama's mother: place of Renuka in coastal Maharashtra, Durga Kale, 2015, p. 526-537)

प्राचीन बौद्ध लोग बुद्धमाता महामाया देवी की शालभंजिका देवी, सिरी देवी या सिरिमा देवी के नाम से पुजा करते थे और महिलाएं महामाया की पुजा कर बुद्ध जैसे गुणी पुत्र की कामना करतीं थीं| (Vicissitudes of the Goddess, Siri Padma, p. 83,84) ब्राम्हणों ने 5 वी सदी के बाद इसी बौद्ध सिरि देवता को श्रीलक्ष्मी देवी कहना शुरू किया था| (उपरोक्त, p. 84)

महामाया की धरतीमाता, भुमाता, वसुंधरा और हारिती माता के नाम से भी बौद्ध लोग बाद में पुजा करने लगे थे| (उपरोक्त, p. 113, 160) बाद में, दक्षिण भारत में बौद्ध लोग महामाया देवी की सप्तमातृका देवता और बालक बुद्ध की मुनिराजू के नाम से पुजा करने लगे थे| (उपरोक्त, p. 163)

10 वी सदीं के बाद महामाया को दक्षिण भारत में यल्लम्मा, रेणुका, एकविरा, महुरम्मा, मरीमाय, मातंगी देवी जैसे अलग अलग नामों से बौद्ध लोग पुजने लगे थे| (उपरोक्त, p. 178)

7 वी सदी के बाद ब्राम्हणों ने इन्हीं बौद्ध देवताओं का (यल्लम्मा, रेणुका, एकविरा, मातंगी) पुराणकथाएं लिखकर ब्राम्हणीकरण किया और उन्हें शिव तथा परशुराम के साथ जोड़ दिया|

माहूर की रेणुका देवी भी वास्तव में बौद्ध देवता महामाया है, इसलिए उसे रेणुका महारदेवी (महुरम्मा देवी) कहा जाता है| महामाया देवी का एक नाम महुरम्मा देवी है, जिससे उसे महुरम्मा देवी या महार देवी कहा जाता था| बाद में उसके साथ रेणुका नाम जोडा गया और उसे "रेणुका महार देवी" कहा जाने लगा, जो बौद्ध (वर्तमान महार समुदाय) की देवता है और वह बुद्धमाता महामाया देवी है|

माहूर में आज भी एक बड़ा किला है जो वास्तव में प्राचीन बौद्ध संघाराम है और माहूर में एक प्राचीन बौद्ध गुफा भी है|

-डॉ. प्रताप चाटसे, सनातन धम्म अभ्यासक





Tags : Buddhamata Mahamaya Devi Renuka Mahar famous Buddhist place Yavatmal. Mahurgadh