धारा 370 Siddharth Bagde tpsg2011@gmail.com Wednesday, August 7, 2019, 03:22 PM जब नेहरु ने कश्मीर के प्रमुख नेता शेख अब्दुल्ला को कश्मीर को भारत के अन्य राज्यों की जगह एक विशेष राज्य या एक अलग देश की तरह से मान्यता प्रदान करते हुए विवादित धारा 370 को भारत के संविधान में डलवाने के लिए डॉक्टर अम्बेडकर के पास भेजा तो आंबेडकर ने उस समय जो कहा था वो बहुत कम लोग जानते हैं जो आज भी पढने योग्य और आँखें खोल देने वाला है । डॉ. अम्बेडकर ने शेख अब्दुल्ला के मुँह पर कहा था :- *''तो आप चाहते हैं की कश्मीर को सारी सहायता India दे, हर साल करोड़ों रुपया भारत भेजे, सारे विकास कार्य अपने खर्चे पर भारत उठाये, कोई भी हमला होने पर इसकी रक्षा भारत करे और सारे भारत में कश्मीरियों को बराबरी के अधिकार मिलें लेकिन उसी भारत और भारतीयों को कश्मीर में बराबरी का कोई अधिकार ना हो ? जनाब शेख साहब, मैं भारत का कानून मंत्री हूँ और इस भारत - विरोधी धारा 370 को मंजूरी देकर कम से कम मैं तो अपने देश से गद्दारी नहीं कर सकता हूँ । नेहरू से जाकर कहियेगा की कोई देशद्रोही ही इस धारा को भारत के संविधान में डालने की मंजूरी दे सकता है और मैं वो देशद्रोही नहीं हूँ''* और ये सुनकर शेख अब्दुल्ला बाबा साहब के कार्यालय से निकल गए , आग-बबूला शेख अब्दुल्ला नेहरू के पास पहुंचे और उनहे सारी बात बताई । तब नेहरू ने देश के साथ धोखा करते हुए एकदम अलोकतांत्रिक तरीके से गोपाल स्वामी अयंगर से कह कर इस भारत-विरोधी धारा 370 को भारत के संविधान में डलवाया और सदन मे पास करवा लिया , जिसका खामियाजा हमारा भारत देश आज तक भुगत रहा है और ना जाने आगे कब तक भुगतता रहेगा । गांव में चोर जब गाय या भैंस की चोरी करता है तो उस जानवर का घंटा निकालकर दूसरी दिशा में घंटा बजाकर चलते रहता है उसका दूसरा साथी भैंस को लेकर दूसरी दिशा में लेकर जाता है । घंटे के आवाज की दिशा में ग्रामीण आवाज की ओर भागते हैं । जब तक भैंस को गांव से पार कर नहीं लेते घंटे की आवाज बजते ही रहती हैं । जैसे ही चोर गांव पार कर लेते हैं घंटा वही छोड़ देते है और ग्रामीणों को अपनी भैंस के बजाय घंटा हाथ लगता है । Tags : eye-opening Constitution of India Article 370 controversial people