असम में डिटेंशन सेंटर TPSG Thursday, January 9, 2020, 02:20 PM असम में डिटेंशन सेंटर भी है और लोग उसमें मर भी रहे हैं. डिटेंशन सेंटर में कोई अमीर व्यक्ति नही, सिर्फ गरीबों को कैद कर सताया जा रहा है। डिटेंशन सेंटर में जेलों से भी ख़राब हालात हैं, अमानवीय शोषण दर्द के कई रेंगटे खड़े कर देने वाले किस्से हैं। सब्रता डे को उसकी बेटी और पत्नी से अलग कर डिटेंशन कैंप में बंद कर दिया। पत्नी को घर चलाने के लिए मजदूरी करनी पड़ी, पत्नी और बेटी की सुरक्षा की चिंता में सुब्रता डे की मौत हो गई। डिटेंशन सेंटर में चार साल काटने वाले रवि डे बताते है सुब्रता डे हमेशा पत्नी और बेटी के लिए चिंतित रहता, उसे बाहर निकल कर अपना परिवार संभालना था लेकिन एक दिन हार्ट अटैक से उसकी मौत हो गई ! पुरे असम में छह डिटेंशन सेंटर हैं. कोकराझार, गोआलपाड़ा, तेजपुर, डिब्रूगढ़, सिल्चुर, जोरहाट. कोकराझार केवल महिलाओं का डिटेंशन सेंटर है। इस एक मात्र महिला डिटेंशन सेंटर में 100 महिलाओं पर 4 नल और दो टॉयलेट हैं ! मैं देश का प्रधानमंत्री होता तो बैंकों का पैसे नही लौटाने वाले उद्योगपतियों को, जैसे नीरव मोदी, मेहुल चौकसी, विजय माल्या, वाधवन, अनिल अंबानी, अडानी, ललित मोदी वेणुगोपाल धुत, जैसे चोरों के लिए डिटेंशन सेंटर बनाता और जब तक यह लोग अपनी संपत्ति बेचकर बैंको का क़र्ज़ नही लौटाते तब तक उन्हें डिटेंशन सेंटर में अमानवीय हालात में रखता। मुंह धोने को एक गिलास पानी, पिछवाड़ा धोने को आधा गिलास पानी, नहाने का हक़ सिर्फ हफ्ते में एक दिन वह भी आधे बाल्टी पानी से । इस क्रांतिकारी ऐतिहासिक कदम से बैंको का NPA कम होगा। देश की अर्थ व्यवस्था को गति मिलेगी। मोदी कपड़ा चप्पल झोपडी देखकर डिटेंशन सेंटर में झेप रहे हैं ! मैं तो असल देश के दुश्मनों को डिटेंशन सेंटर में अमानवीय यातना देना चाहता हूँ ? Tags : inhuman exploitation jails conditions people Assam detention center