महाड़ तालाब सत्याग्रह Nilesh Vaidh nileshvaidh149@gmail.com Tuesday, April 30, 2019, 10:20 PM महाड़ तालाब सत्याग्रह गांधी जब स्वाद (नमक) के लिए लड़ रहा था तो बाबासाहेब आंबेडकर जीवन (पानी) के लिए लड़ रहे थे। इंसानी जीवन में नमक ना भी हो तो भी काम चल जायेगा, लेकिन अगर पानी ना हो तो काम कैसे चलेगा ? भारत का एक बड़ा तबका जब पानी के लिये तरस रहा था तब गांधी कुछ फीसदी लोगो के लिए स्वाद (नमक) का इंतजाम कर रहे थे, नमक सत्याग्रह करके। बाबासाहेब अम्बेडकर ने असल समस्या को समझते हुए महाड़ तालाब सत्याग्रह किया। ये पानी जो आज हम पी रहे है, उस पानी को हमारे होठो तक पहुंचाने में बाबासाहब ने अपनी जान की बाजी लगाई थी। हमारे खून का कतरा-कतरा बाबासाहब का ऋणी है। - निलेश वैद्य Tags : debtor blood lips drinking water Mahad Pond Satyagraha Babasaheb Ambedkar problem