भारत के लिए गरीबी नहीं, जातिवाद बड़ी समस्या है TPSG Wednesday, May 1, 2019, 04:52 PM ’’भारत के लिए गरीबी नहीं, जातिवाद बड़ी समस्या है’’ आज भी जातिवाद की कटु, क्रूर या कठोर स्थिति पिछड़े और गरीब इलाकों में कायम है...गरीब वर्ग ही है जो भयंकर या विकट रूप में 6 हजार से ज्यादा जातियों में बांटे गए हैं...ताकि ये कभी एक होकर क्रांति न कर सकें...अब यहीं जातिगत श्रेष्ठता इनके दिलों-दिमाग में घर कर गई है!! ये सब एक दूसरे की तथाकथित जातिगत श्रेष्टता से डरते हैं...इसलिए एक दूसरे के कभी काम नहीं आना चाहते...! फलतः साथ मिलकर क्रांति नहीं कर सकते ! इस प्रकार देश का गरीब और उसकी गरीबी आज भी जस की तस कायम है। वास्तव में देश की पूरी पूंजी पर ही बमुश्किल दहाई भर जातियों का कब्जा है...!! खेद का विषय है कि रिजर्वेशन या आरक्षण की सबसे ज्यादा जरुरत (युँकि आरक्षण का सबसे ज्यादा विरोध यही करते हैं) इन्ही को है....अब देश भी इनका, संसाधन भी इनके, पूंजी भी इनकी, मंदिर भी इनके, सरकारें भी इनकी,.. ..और यहाँ तक कि भगवान् भी इनके (मैंने दलितों का कभी भी भगवन पैदा होते नहीं देखा, अगर हो तो मुझे जरुर बताना) ! कडवा मगर सटीक अरविन्द गुरू Tags : problem racism poverty India