वह सनकी माली Sumedh Ramteke Friday, May 3, 2019, 05:16 PM वह सनकी माली जोसेफ मोनियर नाम का एक माली था। नए-नए पौधे लगाने के साथ वह मिट्टी के गमले बनाता और उन्हें तोड़ डालता। लोग कहते, यह पागल है, जो रोज मेहनत करके गमले बनाता है और फिर उन्हें खुद ही तोड़ देता है। लेकिन उस पर लोगों की बातों का कोई असर नहीं पड़ता था। वह अपने काम में लगा रहा। मिट्टी के गमले बनाकर उन्हें तोड़ते हुए जब मोनियर को काफी समय हो गया तो उसने अपना ध्यान मिट्टी के गमलों पर से हटा दिया और सीमेंट के गमले बनाने शुरू कर दिए। मोनियर ने देखा कि सीमेंट के गमले ज्यादा मजबूत थे। उसने उन्हें भी तोड़ डाला और यह निष्कर्ष निकाला कि ये हल्के नहीं थे। इसके बाद उसने तार लपेट कर गमले बनाए, पर उसमें जंग लग गया। एक दिन मोनियर ने गमले के अंदर तार लपेटे ओर उसमें कांक्रीट व सीमेंट भर दी। ये हल्के और मजबूत थे। तार में जंग भी नहीं लगा। ये गमले अत्यधिक मजबूत और टिकाऊ थे। गमलों में प्रयुक्त इस पद्धति को जब इंजीनियरों ने देखा तो वे दंग रह गए। इसके बाद भवनों के निर्माण में इसी तरह की पद्धति का प्रयोग होने लगा। आज इसका प्रयोग विशालकाय बहुमंजिला इमारतों के निर्माण में हो रहा है। बहुत कम लोग जानते हैं कि भवनों के निर्माण की मजबूत आधारशिला रखने वाला यही सनकी माली जोसेफ मोनियर ही था। - सुमेध रामटेके Tags : own breaks puffs People pottery Monier Joseph