ऐसी भी क्या अमीरी Siddharth Bagde tpsg2011@gmail.com Tuesday, April 30, 2019, 08:31 PM ऐसी भी क्या अमीरी एक दिन महेश बोरकुटे पंचम पर्वत की ओर जा रहे थे वहां एक शनि महाराज का मंदिर था वह उस मंदिर में महेश बोरकुटे का परिचित व्यक्ति खड़ा था जो बहुत ही अमीर व्यक्ति था उसने उसी क्षेत्र के एक पुजारी को आवाज दी और कहां क्यों इस मंदिर के मरम्मत में कितना खर्चा आयेगा। पंडित ने कहां श्रीमान आयेगा दस लाख रूपये। चलो मैं दे देता हॅू। महेश जी ने कहा क्यों इतने रूपये खर्च कंर रहे हो इसके बजाय गरीबो के लिये रोजगार खोल दो वे आपको दुआये देगें ये पत्थर े मूर्ति क्या देगी। अमीर - तुम अपनी सामाजिक सेवा अपने तक ही सीमित रखो तुम्हे पता है शनि महाराज अगर किसी के पीछे लग जाये तो फिर उसे कोई बचा नहीं सकता। हनुमान से ही शनि डरता है उसकी पूजा करने से शनि दूर हो पाता है। महेश - श्रीमान आप भी एक सामाजिक सेवक रहे है समाज की सेवा करके आप इतने स्तर पर पहुच गये है अब आप ही समाज को ऐसा संदेश देगें तो कैसे चलेगा। अमीर व्यक्ति की महेश से काफी बहस होती है और अमीर व्यक्ति महेश जी की काफी बेइज्जती भी कर देते हैं। एक दिन समाज का काम आता है तब भी महेश उसी अमीर के पास जाता है तब वह अमीर कहता है आ गये सिर झुका कर आना ही पडा ना तब महेश कहता है सर मुझे समाज का काम कराने के लिये नाक रगड कर भी आना पडे तो आउंगा लेकिन यदि मेरा खुद का काम होता और उसे आप ही कर सकते है तो मैं कभी नहीं आता मेरा खुन का कतरा भी खत्म हो जाता तब भी नहीं आता। मगर मैं समाज के लिये आया हूॅ अब तुम मुझे खुब गाली दो मै सुनने को तैयार हूॅ लेकिन मेरे भाई तुम्हारी राशि से समाज का उददार हो सकता है। वह अमीर की आंखो से आंसू आ जाते है वह पूरी संपत्ति दान दे देता है। - सिद्धार्थ बागड़े Tags : cost repairs priest person familiar temple mountain