शब्दों के मायाजाल से ब्राह्मणवादियों ने किया षड़यंत्र TPSG Wednesday, May 1, 2019, 12:52 PM शब्दों के मायाजाल से ब्राह्मणवादियों ने किया षड़यंत्र सच कहा है बाबा साहेब ने कि ब्रह्मणो के अन्दर बिलकुल भी ज्ञान नही पर शूद्र का अज्ञानी होने के कारण उनका अल्प ज्ञान भी श्रेष्ठ हो गया। इसका सबसे बङा कारण हजारो सालो तक हमे शिक्षा से वंचित रखा जाना। हमे संस्कृत भाषा का ज्ञान नही होना जो इनकी शास्त्रो की मुख्य भाषा रही है। ब्रह्मणवाद ने हमारे शास्त्रो को नष्ट कर दिया, आग से जला डाला और उसकी जगह अपने नये नये शास्त्रो की रचना कर डाली। हमारे शास्त्रो मे से ही इन्होने शब्द ढुढे फिर उन शब्दो को हमारे सामने गलत तरीके से पेश किया गया, ब्रह्मणो को कोई शब्द ज्ञान नही था यह तो एक असभ्य जानवरो जैसी कौम थीं, लेकिन हम मुलनिवासीयो को गुलाम बनाकर इन्होने हमारे साथ बहुत बङा षङयत्र किया है । हमारे ही शब्द शास्त्रो को तोङ मरोङ कर उसको अपने पक्ष मे लिख डाला ताकि हम हमेशा उनके मायाजाल मे रहै और वह राज कर सके। हमारे शरीर के चार भाग किये गये है। 1. मुख जो कन्धे से ऊपर का भाग है और यह भाग ही सर्वश्रेष्ठ है इसको ही श्रेष्ठ बोला जाता है, क्योकि इस भाग मे हमारा मस्तिष्क दिमाग रहता है, इसका फायदा उठा के अपने आप को ब्रह्मण ब्रह्मा के मुख से पैदा होने वाले बताये गये है। ब्रह्म का अर्थ सर्वश्रेष्ठ होता है। 2. वक्ष या छाती जो पेट से ऊपर व गर्दन से नीचे का भाग है जिसमे हमारे दोनो हाथ होते है जो हमारी रक्षा करते है जिसे इन्होनें क्षत्रिय बता दिया गया। 3. पेट उदर जो कभी नही भरता है हमेशा खाली हो जाता है इस पेट के लिए लोग क्या क्या कर डालते है, यह हमेशा माँगता ही रहता है इस शब्द से इन्होने वैश्य बनिये बना दिये गये। 4. पैर जो इन ऊपर वाले तीनो भागो को घुमाता है इनकी सेवा करता है इसका इन्होने शुद्र और अतिशूद्र बना डाला। शब्द शास्त्र तो सब हमारे पर अर्थ का अनर्थ पेश किया गया इन ब्राह्मणो द्वारा । 1. जैसे ब्रह्म का अर्थ होता है श्रेष्ठ पर इन्होने अपने एक आदमी का नाम रख दिया ब्रह्माजी जिनके चार मुख दिखाये गये है, इस शब्द से ही इन्होने ब्रह्मण शब्द की रचना की। 2. गजानन्द मतलब हाथी की तरह आनन्द से रहना- पर इन्होने गजानन्द एक आदमी को बना दिया जिसका मुख हाथी का और पेट मानव का। 3. सरस्वती का मतलब होता है स्वर की साधना करना पर इन्होने एक स्त्री को सरस्वती बना दिया। 4. आत्मा का मतलब होता है अपने आप मे देखना जैसे फलाना आंतकवादी ने कानुन के सामने आत्मसमर्पण किया पर इन्होने शब्द का बहुत बङा फायदा उठा लिया भुत प्रेत व स्वर्ग नरक का डर बता कर। 5. प्रेतात्मा का अर्थ होता है जो मानव श्रेष्ठ हो जिसने अपने आपको कर्म व ज्ञान से श्रेष्ठ बनाया हो परमआत्मा और परम का अर्थ होता है श्रेष्ठ पर इन्होनंे इस शब्द का गलत अर्थ पेश कर के भगवान या सर्वश्रेष्ठ शक्ति बता दिया ईश्वर बता दिया । 6. भूत का अर्थ होता है काल से, समय से। जो समय बीत गया उसको भूतकाल बोलते है पर इन्होने इस शब्द पर पता नही क्या क्या लिख डाला लोगो मे डर पैदा कर दिया कि भूत प्रेत आत्मा होती है। हजारो ऐसे शब्द है जिनका इन लोगो ने गलत अर्थ पेशकर लोगो को भ्रमित कर डाला। सचिन अम्बेडकर Tags : words delusion Brahmins Conspiracy