मोहम्मद गजनी के सोमनाथ मंदिर का खजाना लूटने का किस्सा Siddharth Bagde tpsg2011@gmail.com Wednesday, May 1, 2019, 06:57 AM मोहम्मद गजनी के सोमनाथ मंदिर का खजाना लूटने का किस्सा सन 1026 में मोहम्मद गजनी गुजरात के सोमनाथ मंदिर को लूटने के लिए आया तो उसके एक ब्राह्मण सेनापति तिलक ने उसे पूरा रास्ता दिखलाया। उस समय गुजरात पर राजा भीम देव का राज था। राजा नाम से भीम देव था। लेकिन वह एक भीरु और अन्धविश्वासी था, जिसने गजनी को मंदिर न लूटने की प्रार्थना की और बदले में धन दौलत देने की पेशकश की। जिस पर गजनी ने कहा की वह मूर्ति भंजक है, जिसका फैसला उसकी तलवार करती है, इस पर मंदिर के मुख्य पुजारी ने राजा से कहां की मंदिर में प्रवेश करते ही शिवलिंग की शक्ति से गजनी की सेना अंधी हो जायेगी, लेकिन वही हुआ, जो अंधविश्वास में होता है कि गजनी ने मंदिर में स्थापित आठ फूट ऊंचे शिवलिंग को तोड़ कर उस से निकले सोना चांदी, हीरे जवाहरात आदि लूट कर पूरे मंदिर को जी भर कर लूटा तथा जाते समय उस मंदिर के दरवाजे भी ऊँटो पर बांध ले गया। यह सारा कारनामा अंधविश्वास का था, जो गजनी का एक बाल भी बांका नहीं कर पाया। अन्धविश्वास को बढ़ावा देने वाली विदेश से आयी हुई ब्राह्मण जाति इसके लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार है। ब्राह्मणों के वजह से इस देश में मुगल आये पोर्तुगीज फ्रेंच डच अंग्रेज आये। भारत देश को बर्बादी का कारण भारत में चलाई गयी जाति प्रथा भी है, अगर शुद्रो को शस्त्र धारण करने का अधिकार होता तो ये महान देश कभी गुलाम ना बन पाता। ऐसे बहुत से ऐतिहासिक उदाहरण दिए जा सकते है, जिसके कारण हमारा देश गुलाम हुआ और यहाँ कि जनता हजारों साल तक लुटती- पिटती रही। इसी अंधविश्वास के चलते देश के विभिन्न मंदिरों में अपार सोना चांदी व् हीरे जवाहरात इकट्ठे होते रहे जिसने विदेशियों को ललचाया और भारत पर एक के बाद एक ताबड़ तोड़ हमले होते रहे और पूरा भारत वर्ष गुलाम होता चला गया। इसी अंधविश्वास का वर्तमान में जिता जागता प्रमाण केरला का श्री पदमनाभ स्वामी मंदिर है, जिसमे अरबो रुपयों कि सम्पति पर पुजारी कुंडली मारे बैठे रहे। - सिद्धार्थ बागड़े Tags : entire jewels diamonds silver Looted gold superstition happened Shivalinga Ghajini temple priest