imagesimagesimagesimages
Home >> लेखकिय >> बुद्ध से ब्राम्हण नाराज क्यों है

बुद्ध से ब्राम्हण नाराज क्यों है

Vijay boudh

Thursday, January 28, 2021, 05:40 PM
Buddha and Mahavir

बुद्ध से ब्राम्हण नाराज क्यों है ?

क्या अड़चन थी हिंदुओं को बुद्ध या महावीर के साथ : “महावीर और बुद्ध को हिन्दू समाज माफ़ नहीं कर सकता। आखिर क्यों? क्योंकि उन्होंने युवकों को सत्य और तर्क दिया, पाखंड और पाखंडियो से आजादी दी। बच्चे और युवक नैतिक और तर्कशील बन गए। वे बुद्ध बनने लगे। तो सदियों से ब्राह्मण हीत मे बनाया समाज का ढांचा बिखरने लगा। *ब्राह्मण पुरोहितों का क्या होगा। वह चाहता है कि जन्म से लेकर मृत्यु तक वह तुम्हारा सारा क्रिया कांड करे। वह चाहता है जन्म से लेकर मृत्यु तक वह तुम्हारा शोषण करे। उसने इस तरह का जाल बिछाया है कि तुम पैदा हो तो उसकी जरूरत, नामकरण हो तो उसकी जरूरत, यज्ञोपवीत हो तो उसकी जरूरत, विवाह हो तो उसकी जरूरत, फिर तुम्हारे बच्चे पैदा हो तो उसकी जरूरत, उसने तुम्हारी पूरी जिंदगी को जकड लिया है। वह मर जाने के बाद भी तुम्हारा पीछा नहीं छोड़ता, तीसरा करवाएगा, तेरहवी करवाएगा इतना ही नहीं, वह हर साल पितृ पक्ष में तुम्हारा शोषण करेगा, मर गए उनको भी नहीं छोड़ता, जिन्दा है तो उनको तो कैसे छोड़ सकता है। बुद्ध और महावीर ने इनकी चार वर्ण व्यवस्था तोड़ दी। बुद्ध का अर्थ होता है जो ब्राह्मणों पंडित पुरोहितों से मुक्त हो गया। और बुद्ध का कोई धर्म नहीं होता। ब्राह्मणों की व्यवस्था वर्ण पर खड़ी थी। चार वर्ण ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शुद्र। जैसे ही कोई व्यक्ति बुद्ध होता है। वह वर्ण से बाहर हो जाता है। फिर उस पर कोई पाखंड लागु नहीं होता। बुद्ध ने हिन्दू वर्ण व्यवस्था को इस कदर तोडा, फिर भी पंडितों के लिए उन्हें इंकार करना कोई साधारण बात नहीं थी। बुद्ध की महानता ही इतनी है कि अगर बुद्ध को इंकार कर दो तो भारत की प्रतिभा क्षीण हो जाती है आज दुनिया में भारत की अगर कोई प्रतिष्ठा है तो उसमें हाथ बुद्ध का है। अगर सारा विश्व भारत को सम्मान की दृष्टि से देखता है तो केवल और केवल बुद्ध के कारण। आज भी भारतीय अपनी पहचान विश्व में बुद्ध और बुद्ध की धरती से कराते हैं। ताजा उदाहरण नरेन्द्र मोदी का ही ले लो । विदेश जाकर अपने हर भाषण मे बुद्ध का सहारा लेते हैं । क्योंकि राम कृष्ण विष्णु को बाहर देशों में कोई नही जानता। ब्राह्मणों के लिए बुद्ध को इंकार करना संभव न था। और ब्राह्मणों को इससे बचने की तरकीब निकाल ली। तरकीब यह थी की हिंदुओं ने बुद्ध को विष्णु का नौंवा अवतार ही घोषित कर दिया”।





Tags : disintegrate structure rational Children hypocrisy youth Because society Mahavira Buddha problem