बाबा की तांगेवाली घटना Nilesh Vaidh nileshvaidh149@gmail.com Monday, April 29, 2019, 10:05 PM बाबा की तांगेवाली घटना बाबा साहब आंबेडकर के साथ एक दुखद घटना घटी, जिसका कष्ट उन्हें जीवन भर सहन करना पड़ा। यह घटना 23 अक्टूबर 1929 को घटी। डॉ. बाबा साहब आंबेडकर एक बार चालीश गांव पहुंचे। स्थानीय दलित समाज ने उनका जोर-शोर से स्वागत किया और उन्हें अपने साथ ले जाना चाहा। किंतु कोई तांगेवाला उन्हें अपने तांगे पर बिठाने को तैयार न था। एक तांगेवाला बोला, मैं इनको एक शर्त पर अपने तांगे पर ले जा सकता हूँ कि जिस समय ये तांगे पर बैठे होंगे, मै स्वयं तांगे पर नहीं बैठूँगा। कोई अछूत ही तांगा हांकेंगा, मैं पैदल चलूँगा। स्थानीय दलित समाज के सदस्यों को उस तांगे वाले की यह अपमानजनक शर्त स्वीकार नहीं करनी चाहिए थी। यदि उनका स्थान स्टेशन से बहुत ज्यादा दूर नहीं था, तो उन्हें डॉ. बाबा साहब को पैदल ही ले चलना चाहिए था। जो भी हो बाबा साहब तांगे पर बैठे, और एक अछूत व्यक्ति तांगे को हांकने लगा। या तो उस अछूत भाई को तांगा हांकना नहीं आता होगा, या वह घोड़ा ही ऐसा रहा होगा, और हो सकता है कोई दुष्ट तांगेवाला इसलिये जानबूझकर ही डॉ. बाबा साहब आंबेडकर को उस तांगे पर बिठाकर ले चलने को तैयार हो गया होगा। तांगा अभी ढंग से चलने भी न पाया था की घोड़े ने दुल्लत्ती चलाई और तांगा उलट गया। डॉ. बाबा साहब जमीन पर आ गए। उन्हें बहुत चोट लगी। काफी दिनों तक वे चारपाई पर पड़े रहे। उनके दाएँ पाँव की एक हड्डी तक टूट गयी थी जो उन्हें जन्मभर कष्ट देती रही....बाबा साहब के साथ कई बार अपमानजनक व्यवहार हुआ है । लेकिन उन्होंने कभी अपना आपा नहीं खोने दिया। उन्होंने अपनी लड़ाई शांतिपूर्वक ढंग से लड़ी और हमे सम्मानजनक जीवन दिय। हमे उनका संघर्ष कतई भूलना नहीं चाहिये। संग्रहक - निलेश वैद्य Tags : village reached life Baba Saheb Ambedkar tragic