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फर्क सोचने की प्रक्रिया में होता है

Sumedh Ramteke

Saturday, May 4, 2019, 08:15 AM
Niyantran

फर्क सोचने की प्रक्रिया में होता है
    भारत की महान और धनी विरासत के बारे में सुनकर इतिहास में सिकंदर से पहले कई महान योद्धाओं ने भारत पर आक्रमण किया था, लेकिन उनमें से कोई सफल नहीं हो पाया था। सिंकदर ने सारी परिस्थितियों का पहले अच्छी तरह से आकलन किया, उनका पूरी तरह से अध्ययन किया, अपने सेनापति और समर्पित सैनिकों से विचार-विमर्श करने के बाद एक पूरी कार्ययोजना तैयार की और उसी के अनुसार आक्रमण किया। सिंकदर के बारे में एक रोचक किस्सा काफी मशहूर है, जिसने उसे सिकंदर से सिकंदर द ग्रेट बना दिया था। सिंकदर ने ईसा पूर्व 236 में भारत पर आक्रमण किया था। वह भारत से काफी दूर स्थित मेसिडोनिया का शासक था। वह एक महान वास्तविक योद्धा था। उसने पोरस को हराया, जो उस समय के महान भारतीय योद्धा थे। जीतने के बाद उसके सेनापति ने शासन की बागडोर संभालने के लिए सिंकदर को वहां बुलाया। युद्धभूमि से राजधानी तक जाने के लिए, जो कि वहां से 50 किलोमीटर दूर स्थित था, एक हाथी का इंतजाम किया गया था। सिकंदर हाथी पर बैठा और उसकी लगाम हाथ में देने को कहा। उसके सेनापति ने कहा कि हाथी की सवारी में लगाम नहीं होती। हाथी पर एक अन्य व्यक्ति भी सवार है, जिसे महावत कहा जाता है। यही महावत हाथी को नियंत्रण करता है। यह सुनकर सिंकदर को बड़ा आश्चर्य हुआ, वह हाथी पर से कूद गया और बोला - मैं ऐसी किसी भी चीज पर सवार नहीं होना चाहता, जिसका नियंत्रण मेरे हाथ में न हो। उसने अपने सेनापति से घोड़े का इंतजाम करने का कहा, ताकि वह राजधानी तक पहुंच सके। यह कहानी सिंकदर के व्यक्तित्व की एक बानगी मात्र थी, जबकि उसके सभी इरादों में दृढ़ इच्छाशक्ति की एक साफ लकीर हमेशा दिखाई देती थी।
- सुमेध रामटेके





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