भारत के चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोप को गोगोई ने नकारा कहा न्यायपालिका खतरे में है Bureau report Saturday, April 20, 2019, 11:46 PM सुप्रीम कोर्ट से रिपोर्टिंग करने वाले वरिष्ठ पत्रकार सुचित्र मोहंती के मुताबिक चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस संजीव खन्ना की तीन जजों की बेंच ने अवकाश के दिन मामले पर गौर किया! यौन उत्पीड़न के आरोप पर चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई का कहना है कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता बहुत गंभीर ख़तरे में हैं और यह न्यायपालिका को अस्थिर करने की एक 'बड़ी साजिश' है! चीफ़ जस्टिस का कहना है कि यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला के पीछे कुछ बड़ी ताक़तें हैं. वो कहते हैं कि अगर न्यायाधीशों को इस तरह की स्थिति में काम करना पड़ेगा तो अच्छे लोग कभी इस ऑफ़िस में नहीं आएंगे! आरोप लगाने वाली महिला ने एक चिट्ठी सुप्रीम कोर्ट के सभी 22 जजों को भेजी है जिसमें जस्टिस गोगोई पर यौन उत्पीड़न करने, इसके लिए राज़ी न होने पर नौकरी से हटाने और बाद में उन्हें और उनके परिवार को तरह-तरह से प्रताड़ित करने के आरोप लगाए हैं! ब्यूरो रिपोर्ट Tags : harrasement chief justice Ranajan gogoi