सुक्ष्मतम एवं कुशलतम क्षमता Nilesh Vaidh nileshvaidh149@gmail.com Friday, April 12, 2019, 08:13 AM इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं कि भावी क्रान्तियों को रोकने के लिए विश्व-पूँजीवाद आज अपनी समस्त आत्मिक-भौतिक शक्ति का व्यापकतम, सुक्ष्मतम और कुशलतम इस्तेमाल कर रहा है। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं कि विश्व ऐतिहासिक महासमर के निर्णायक चक्र के पहले, प्रतिक्रिया और विपर्यय का अँधेरा इतना गहरा है और गतिरोध का यह कालखण्ड भी पहले के ऐसे ही कालखण्डों की अपेक्षा बहुत अधिक लम्बा है। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं कि पूरी दुनिया में नई सर्वहारा क्रान्तियों की हिरावल शक्तियाँ अभी भी ठहराव और बिखराव की शिकार हैं। यह सबकुछ इसलिए है कि हम युग-परिवर्तन के अबतक के सबसे प्रचण्ड झंझावाती समय की पूर्वबेला में जी रहे हैं। यह एक ऐसा समय है जब इतिहास का ऐजण्डा तय करने की ताकत शासक वर्गों के हाथों में है। कल इतिहास का ऐजण्डा तय करने की कमान सर्वहारा वर्ग के हाथों में होगी। यह एक ऐसा समय है जब शताब्दियों के समय में चन्द दिनों के काम पूरे होते हैं, यानी इतिहास की गति इतनी मद्धम होती है कि गतिहीनता का आभास होता है। लेकिन इसके बाद एक ऐसा समय आना ही है जब शताब्दियों के काम चन्द दिनों में अंजाम दिये जायेंगे। लेकिन गतिरोध के इस दौर की सच्चाइयों को समझने का यह मतलब नहीं कि हम इत्मीनान और आराम के साथ काम करें। हमें अनवरत उद्विग्न आत्मा के साथ काम करना होगा, जान लड़ाकर काम करना होगा। केवल वस्तुगत परिस्थितियों से प्रभावित होना इंकलाबियों की फितरत नहीं। वे मनोगत उपादानों से वस्तुगत सीमाओं को सिकोड़ने-तोड़ने के उद्यम को कभी नहीं छोड़ते। अपनी कम ताकत को हमेशा कम करके ही नहीं आँका जाना चाहिए। अतीत की क्रान्तियाँ बताती हैं कि एक बार यदि सही राजनीतिक लाइन के निष्कर्ष तक पहुँच जाया जाये और सही सांगठनिक लाइन के आधार पर सांगठनिक काम करके उस राजनीतिक लाइन को अमल में लाने वाली क्रान्तिकारी कतारों की शक्ति को लामबन्द कर दिया जाये तो बहुत कम समय में हालात को उलट-पुलटकर विस्मयकारी परिणाम हासिल किये जा सकते हैं। हमें धारा के एकदम विरुद्ध तैरना है। इसलिए, हमें विचारधारा पर अडिग रहना होगा, नये प्रयोगों के वैज्ञानिक साहस में रत्ती भर कमी नहीं आने देनी होगी, जी-जान से जुटकर पार्टी-निर्माण के काम को अंजाम देना होगा और वर्षों के काम को चन्द दिनों में पूरा करने का जज्बा, हर हाल में कठिन से कठिन स्थितियों में भी बनाये रखना होगा। - संग्रहक - निलेश वैद्य Tags : efficient ability Perfect