हबीब ने दान की थी सैकड़ो एकड़ जमीन TPSG Tuesday, December 14, 2021, 05:47 PM हबीब ने दान की थी सैकड़ो एकड़ जमीन नवाब सुल्तान जहां बेगम का अपने सबसे छोटे बेटे नवाब हमीद उल्लाह के लिये पुत्रमोह न जागा होता तो भोपाल के आखरी नवाब शासक के रूप में आज नवाब हबीब उल्लाह खान का नाम ही याद किया जाता। वसीयत और वंशागत व्यवस्था को नवाब और अंग्रेजो की कुटनीति ने कुचल जरूर दिया, लेकिन हबीब उल्लाह ने अपने आधिपत्य की सैकड़ो एकड़ जमीन दान में दी थी। जिस पर अब वल्र्ड क्लास स्टेशन ने आकार लिया है। राजधानी भोपाल के वरिष्ठ इतिहासकार खालिद गनी बताते हैं कि नवाब सुल्तान जहां बेगम का भोपाल रियासत पर सन् 1901 से शुरू होकर 1926 तक जारी रहा। नवाब बेगम के तीन पुत्रों में नसरू उल्लाह खान सबसे बड़े थे और सबसे छोटे नवाब हमीद उल्लाह खान। उनके तीसरे पुत्र का नाम ओबेदुल्लाह खान था। वंशागत व्यवस्था के अनुसार खानदान के बड़े बेटे नसरूल्लाह खान को बेगम के बाद रियासत मिलना थी, लेकिन उनकी मृत्यु बेगम के जीवित रहते हुये सन् 1924 में ही हो गई। नियमानुसार नसरूल्लाह खान के बाद ये अधिकार उनके बड़े बेटे नवाब हबीब उल्लाह खान को जाना था लेकिन नवाब बेगम इस बात को स्वीकार करने की बजाए अंग्रेजो से संपर्क करने इंग्लैंड पहुंची और उन्होंने वहीं से अपने पद का इस्तीफा देकर अपनी रियासत का वारिस अपने सबसे छोटे बेटे नवाब हमीद उल्लाह खान को घोषित कर दिया। नवाब बेगम के वंशजो में सबसे बडे बेटे नवाब हबीब उल्लाह खान को जब पारिवारिक विवादो का सामना करना पड़ा तो उन्होने भोपाल रियासत को रूखसत कर अपना आशियाना पूणे में बना लिया। खालिद गनी बताते है कि उम्र में कम अंतर वाले चाचा भतीजे नवाब हमीद उल्लाह खान और नवाब हबीब उल्लाह खान के बीच लंबे समय तक तकरार और विवाद वाले रिश्ते बने रहे, जिसके चलते उन्होंने शहर छोड़ने का फैसला ले लिया। रियासत भोपाल में उनकी बड़ी संपत्तियो में हबीबगंज, ईदगाह स्थित हबीब मंजिल आदि शामिल थे। हबीबगंज क्षेत्र में स्थित हबीबिया स्कूल भी उनकी संपत्तियों का हिस्सा है। जब हबीबगंज स्टेशन बनाने की योजना तैयार हुई तो नवाब हबीब उल्लाह खान ने अपने आधिपत्य की जमीन में से सैकड़ो एकड़ भूमि इस बेहतरी के कार्य के लिये सरकार को सौंपी। खालिद बताते है कि इसको लेकर अंग्रेजो और नवाब के बीच एक लिखित समझौता भी हुआ था, जिसके आधार पर रियासत कायम रहने तक एक बड़ी राशि रेलवे से नवाब परिवार को मिलती रही है। Tags : possession British diplomacy hereditary system Bhopal Nawab Habib Ullah Khan youngest affection Nawab Sultan