निजीकरण का असर TPSG Friday, February 25, 2022, 10:17 AM निजीकरण का असर पहले विश्व मे कहीं भी संकट होता था तो वहाँ फंसे हुए भारतीयों को निकालने के लिए भारत की सरकार एअर इंडिया के जहाज़ों को भेजती थी! यानी मुफ्त सेवा जो की सरकार का कर्तव्य होता था! भारत बेचने के क्रम मे एयर इंडिया भी निजी हाथों मे बिक गई! यूक्रेन संकट के वक्त एअर इंडिया ने 3 उड़ाने भरी भारतीयों को निकालने के लिए और इसके लिए यूक्रेन मे रह रहे भारतीयों को 24 हजार की जगह 80 हजार तक किराया देना पड़ा! शायद इन यात्रियों मे कुछ भक्त भी होंगे जो निजीकरण के पक्ष मे बाजा बजाते होंगे! लेकिन इस संकट के वक्त वो भी चपेट मे आ गये! अभी भी यूक्रेन मे लगभग 20 हजार भारतीय फंसे हैं और सरकार यूपी के चुनावी सभा में गाल बजा रही है! धीरे धीरे समझ मे आएगा देश बेचने का नुकसान! लेकिन तब तक इतना नुकसान हो चुका होगा जिसे वापस फिर से स्थापित करना असंभव होगा! अगर सरकार ने एअर इंडिया बेच भी दिया तो सरकार पैसे चुकाकर किसी विमान कंपनी को वहाँ फंसे भारतीय को निकलवा सकती थी! संकट के वक्त में एअर इंडिया द्वारा भारतीयों को रेस्क्यू करती इस तस्वीर को देखिए और समझने का प्रयास कीजिएगा की भारत जैसे देश में पब्लिक सेक्टर क्यूँ जरूरी है और नहीं समझने का प्रयास करना है तो फिर कुछ गुजरातियों की गुलामी करते रहिए! जैसे पिछले 8 सालों से करते आ रहे हैं!! Tags : public sector is necessary in a country like India times of crisis picture of Air India