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सोम्स में सदस्यता ग्रहण करने का उद्देश्य

Narendra Shende
narendra.895@rediffmail.com
Sunday, December 20, 2020, 12:10 PM
purpose

हम एक ऐसे संगठन से जुड़ रहे है, जो हमारे लिये बहुत आवश्यक है। उस संगठन को सोम्स नाम से जाना जाता है। जबकि उसका पूरा नाम एससी, एसटी, ओबीसी एण्ड मायनोरिटी है। हमें क्यों जुड़ना चाहिये ये जानना जरूरी है।
हमारे सोम्स परिवार में कई लोगो के बच्चे ऐसे है, जो गरीब है, कोई अनाथ है, जो पढ़ लिख नहीं पाते, उनके मां बाप उन्हें पढ़ा नहीं पाते। सोम्स उनकी जिम्मेदारी लेता है।
सोम्स में कई महिलाये है, जिन्हें घर पर कार्य चाहिये। आप लोग जुड़े रहिये एक साल में कई ऐसे प्रोडक्ट आयेगे जिससे घरेलू महिलाओं को कार्य मिलना प्रारंभ हो जायेगा।
ऐसे कई लोग है जो अन्याय अत्याचार बर्दाश्त करते है, सोम्स उनके लिये हर तरिके से निपटने के लिये तैयार है।
हम अपने बच्चो को प्रतिभाशाली बनाना चाहते है, उनका उत्थान करना चाहते हैं, सोम्स के माध्यम से उन्हें स्टेज प्रदान किया जायेगा। उनकी प्रतिभा को परखा जावेगा।
सोम्स एक इंसानियत, मानवतावादि संगठन है, उनके हितो के लिये लड़ने वाला संगठन है। यह किसी काल्पनिक शक्ति के लिये लड़ने वाला संगठन नहीं है, इसलिये इस संगठन को धर्म राजनीति से अलग रखे। हम केवल महापुरूषो के दिवस को याद कर सकते है।
सोम्से में आने वाले समय में बच्चो के लिये निःशुल्क किताबें वितरण की जावेगी तथा छोटा मोटा रोजगार करने वालो के लिये 10 से 20 हजार राशि प्रदान की जायेगी जो रोज 100 रूपये वापसी में किश्त के रूप में दी जावेगी।
सोम्स में कई व्यापार ऐसा मिलेगा जिसमें आपको आधा लाभ हो सकेगा। जैसे - सब्जी, कपड़े, टेन्ट का सामान, आयोजन हेतु हाल, आदि पर आधा लाभ होगा।
सोम्स में ऐसे लोग भी शामिल रहेगे जो सोम्स में राशि लगाकर अपने व्यवसाय को बढ़ाना चाहते है, वे ही सदस्य शामिल हो सकेगें जिन्होने सदस्यता ग्रहण की है।
सोम्स को आगे बढ़ाने के लिये हमें क्या करना है। सबसे पहले हमें सदस्यता ग्रहण करनी है, फिर जो लोग गृहणी है, वे महिलाये एक दूसरे को सोम्स की जानकारी प्रदान करें।
किसी को कोई बात समझन न आये तो साप्ताहिक मीटिंग में साथीगण को लेकर आये जहां उन्हें सोम्स के बारे में जानकारी दी जावेगी।
सोम्स परिवार जब रजिस्टर्ड होगा तो उसे कानूनी सलाहकार, सुरक्षा रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, न्याय की सुविधा प्रदान की जायेगी।
अगर कोई बिजली का कार्य जानता है, कोई फर्नीचर, कोई पुताई का, कोई मकान निर्माण का सोम्स के पास जिस प्रकार का भी कार्य होगा वह हमारे सोम्स परिवार के सदस्य को प्रदान किया जावेगा।
सोम्स एक सामाजिक संगठन है, इसे धार्मिक और राजनीतिक बनाने की कोशिश ना करे। सोम्स की स्थापना इसलिये की गई है कि हमारे बीच में ऐसे कई लोग है, जिन्हें मदद की जरूरत है, मगर वह किससे मदद मांगे। चाहे मदद रूपये की हो, स्वास्थ्य की हो, रोजगार की हो उस मदद चाहिये। जब हम किसी की मदद करना चाहते है तो हमें भी मदद करने की जरूरत है। यदि हम मदद नहीं करेगें तो कोई हमारी मदद क्यों करेगा।
सोम्स संगठन
संपर्क - 9202260684ए 8989588047

 

सोम्स
कार्यकारी समिती
01.    संघठक         ................
02.    सहसंघठक     ................
03.    बौद्धिक प्रमुख     ................
04.    प्रवक्ता         ................
05.    निमत्रंक         ................
06.    प्रचारक         ................
07.    संरक्षक         ................
08.    प्रशिक्षक         ................
केन्द्रीय व्यवस्थापन समिती
01.    कोषाध्यक्ष        ................ 
02.    विधी सलाहकार        ................
03.    प्रसिद्धि प्रमुख        ................

विमेन्स रेजिमेंट
01.    विमेन्स प्रमुख
02.    विमेंन्स प्रचाकर
मार्गदर्शक कमिटी
01.    ................................................
02.    ................................................
03.    ................................................
04.    ................................................
अच्छे मार्गदर्शक कई हो सकते है
1. संगठक - किसी भी स्तर का क्षेत्र हो इसमें संगठक का कार्य अपने कार्यकारिणी के संपूर्ण पदक्षेत्र को कवर किया जाना। संगठक द्वारा सहसंगठन, निमंत्रक, प्रचारक, संरक्षक, विधि सलाहकार से मिलकर मुख्य निर्णय लेगा। जैसे - किसी आयोजन, कार्यक्रम का किया जाना। अपने क्षेत्र के विस्तार व विकास किया जाना।
2. सहसंघठक - संगठन से संबंधित कोई निर्णय संगठन से विचार विमर्श कर ही लिया जाये। संगठक की ओर से दिया गया कार्य पूर्ण करना। अपने क्षेत्र के विस्तार व विकास के लिये सर्वे करना और सोम्स के विकास के लिये कार्य करना।
3. बौद्धिक प्रमुख - संगठन में सोम्स के लिये समस्त जानकारी प्रदान करना बौद्धिक प्रमुख का कार्य है, जहां अपने क्षेत्र में मीटिंग, आयोजन, कार्यक्रम हो वहां बौद्धिक प्रमुख की मुख्य भुमिका होती है। सोम्स के क्या उद्देश्य है और सोम्स की भविष्य की क्या योजना है यह जानकारी देना बौद्धिक प्रमुख की जिम्मेदारी है।
4. प्रवक्ता - संगठन में जिस प्रकार बौद्धिक प्रमुख की भूमिका है, वहीं भुमिका प्रवक्ता की है, लेकिन प्रवक्ता सोम्स की संपूर्ण जानकारी प्रस्तुत करेगा।
5. निमंत्रक - संगठन में निमंत्रक का कार्य जैसे - किसी आयोजन, मीटिंग, कार्यक्रम का किया जाना है तो उस में किसे आमंत्रित किया जाना है, किसे अतिथि, किसे मुख्य अतिथि, किसे वक्ता के रूप में रखना है, यह जिम्मेदारी निमंत्रक की है। साथ ही वह सभा के अंत में आभार व्यक्त करेगा।
6. प्रचारक - संगठन में प्रचार प्रसार का कार्य प्रचारक का रहेगा। वह वाॅट्सअप, फेसबूक के माध्यम से प्रचार कर सकेगा। पाम्पलेट, बैनर इत्यादि छपाकर वह संगठन का प्रचार प्रसार कर सकेगा। संगठन का अपने क्षेत्र का समाचार वह मीडिया के माध्यम से प्रचार कर सकेगा। प्रचारक के पास मीडिया विभाग का भी भार रहेगा। 
7. संरक्षक - संगठन में संरक्षक का कार्य संगठन की रक्षा करना है। यदि कोई संगठन पर समस्या आती है तो उसकी समस्या का हल करना संरक्षक की जिम्मेदारी है।
8. प्रशिक्षक - संगठन में प्रशिक्षक का कार्य एक शिक्षक की तरह है, जो संगठन में बाते होती है, जो रूपरेखा तैयार होती है, वह शिक्षा के रूप में ग्रहण करना और नये सदस्यगण को संगठन के लिये क्या करना है, कैसे करना है, इसकी शिक्षा देना है। इन सदस्यगण में कौन प्रचारक, बौद्धिक प्रमुख, प्रवक्ता, प्रशिक्षक बन सकता है इसको तैयार करने की जिम्मेदारी प्रशिक्षक की है।
9. कोषाध्यक्ष - संगठन में कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी अपने पास कोष अर्थात राशि जमा करना व संगठन में कार्य हेतु प्रदान करना है। एक कोषाध्यक्ष का पूर्ण ईमानदार होना बहुत बड़ी जिम्मेदारी है।
10. विधी सलाहकार - संगठन के लिये विधी सलाहकार की बहुत आवश्यकता है। विधी सलाहकार का कार्य संगठन को कानूनी सलाह देना, कानूनी समस्याओ का निपटारा करना। संगठन के किसी भी सदस्य पर होने वाले कानूनी समस्याओ का हल करना।
11. प्रसिद्धि प्रमुख - सोम्स में शामिल कई लोग प्रसिद्धि प्राप्त करने वाले भी होते है, जो समाज का विकास चाहते है। जो मानवीय हित व समाज का विकास चाहते है, ऐसे प्रसिद्ध व्यक्ति को सोम्स संगठन में प्रसिद्धि प्रमुख पर नियुक्ति प्रदान करना। ताकि वह सोम्स के आयोजन में उपस्थित हो सके।
12. विमेन्स प्रमुख - संगठन में महिलाओ का प्रवेश वर्जित नहीं है, बल्कि वे संगठन में समानता के साथ कार्य कर सकती है। वे भी अपने कार्य क्षेत्र की क्षमता के अनुसार कोई भी पद प्राप्त करने के लिये स्वतंत्र है। 
13. विमेन्स प्रचाकर - संगठन में विमेन्स प्रचारक का होना बहुत आवश्यक है। विमेन्स प्रचारक में घर पर रहने वाली गृहणी विमेन्स प्रचारक के रूप में सोम्स का कार्य करेगी। जिसे प्रशिक्षित करने का कार्य संगठन के प्रशिक्षक का कार्य है।
14. मार्गदर्षक - संगठन में जिनकी आयु 50 वर्ष पूर्ण हो चुकी है, वे संगठन में मार्गदर्शक, बौद्धिक प्रमुख, प्रवक्ता, प्रचारक, प्रशिक्षक के रूप में कार्य कर सकेगें।
    (नोट - 1. संघठक, निमंत्रक अपने साथ सहायक रखने के लिये स्वतंत्र है। 2. अन्य पद प्रमुख के साथ कई सहायक हो सकेगें।)
प्रचार प्रसार में आयु वर्ग
    सदस्यता फार्म में एक दिन के बच्चे की आयु से लेकर अंतिम जीवित बुजुर्ग व्यक्ति का नाम, आयु, दर्ज होना आवश्यक है। सोम्स के प्रचार प्रसार की आयु 8 वर्ष से प्रारंभ होकर कार्य कर सकने की उम्र तक अंतिम सीमा है।
    सोम्स में 8 वर्ष से 13 वर्ष के बच्चो का कार्य - इस उम्र के बच्चे शिक्षा प्रसार का कार्य करेगें। जैसे पाम्पलेट अपने क्षेत्र में वितरित करने जायेगें उनका दायरा छोटा हो सकता है क्योंकि वे सिर्फ अपने मोहल्ले तक सीमित हो सकता है। आयोजन या कार्यक्रम होने पर छोटा मोटा कार्य कर सकेगें।
    सोम्स में 13 वर्ष से 18 वर्ष के बच्चो का कार्य साज सज्जा व किसी भी प्रकार का वितरण व प्रचार प्रसार के लिये पदाधिकारियो के साथ सहयोग करने का कार्य किया जा सकेगा।
    सोम्स में 18 वर्ष से 25 वर्ष के सदस्यो का कार्य अपने क्षेत्र में दूर क्षेत्र का सर्वे, प्रचार प्रसार का कार्य रहेगा। आयोजन या कार्यक्रम में समस्त सामान की व्यवस्था व पदाधिकारियो एवं दूसरे क्षेत्र से आये अतिथि सदस्यगण का उचित देखरेख करना। 
    सोम्स में 26 वर्ष से 40 वर्ष के सदस्यो का कार्य पदाधिकारियो की रक्षा सुरक्षा, तथा अपने क्षेत्र में सोम्स से जुडे सदस्यो की रक्षा, सुरक्षा की जिम्मेदारी साथ ही अपने क्षेत्र के सोम्स के सदस्यो की समस्याओ का हल करने की जिम्मेदारी रह सकेगी।
    सोम्स में 41 वर्ष से 55 वर्ष के सदस्यो का कार्य अपने क्षेत्र के सदस्यो को मार्गदर्शन करना तथा जिस पद से होकर वे यहां तक आये उसका अनुभव साझा करना एवं मार्गदर्शक रहते हुये सोम्स के प्रचार प्रसार का कार्य करना। 
    सोम्स में 56 वर्ष से 70 वर्ष के सदस्यो का कार्य भी अपने क्षेत्र के सदस्यो को मार्गदर्शन करना तथा जिस पद से होकर वे यहां तक आये उसका अनुभव साझा करना एवं मार्गदर्शक रहते हुये सोम्स के प्रचार प्रसार का कार्य करना। ऐसे सदस्य को सोम्स के व्यवसाय व अन्य कार्य प्रयोजन में जहां वे फिट हो सके वहां उन्हें रखना है क्योंकि इस उम्र में वे कोई ज्यादा कार्य नहीं कर पाते है।
    सोम्स में 71 वर्ष से तथा आगे उनकी अंतिम आयु तक वे हमारे विषेष मार्गदर्शक रहेगें तथा अपने घर या उनके आवासिय स्थान पर रहकर ही वे अपने आस पास के सदस्यो को मार्गदर्शन करते रहेगे तथा जीवन के अंतिम समय तक सोम्स के जुड़े रहेगें। जिनकी देखरेख की जिम्मेदारी सोम्स परिवार की रहेगी।
मीटिंग आयोजन का समय व प्रोग्राम
 साप्ताहिक मीटिंग - (माह के पहले सप्ताह में) सोम्स में वार्ड, नगर, गांव क्षेत्र की मीटिंग पहले सप्ताह की जानकारी इस प्रकार है:- 1. वार्ड, नगर, गांव में संगठक, सह संगठक द्वारा अपने क्षेत्र से कितना राशि का कलेक्षन आया इसकी जानकारी रखेगा जो कि आनलाइन या लिखित रजिस्टर में जानकारी प्राप्त कर उस सप्ताह को क्लोज कर आगे की रूपरेखा तैयार करेगा। 2. प्रचारक से वार्ता की जावेगी की आपके क्षेत्र में किस प्रकार प्रचार किया गया, कितना प्रचार किया गया और कितना क्षेत्र षेष रह गया। 3. सदस्यता संख्या पिछले सप्ताह के हिसाब से बढ़ी या नहीं। 3. प्रशिक्षक से जानकारी प्राप्त करेगा कि हमारे सोम्स के लिये अपने क्षेत्र के लिये अपने सदस्यगण में कोई प्रशिक्षित हुये या नहीं उन्हें किस प्रकार प्रशिक्षित किया जा रहा है। क्या हमारे सदस्यगण में प्रचारक, बौद्धिक, प्रशिक्षक या प्रतिभाशाली सदस्य प्राप्त हुये है।
2. संगठक या सहसंगठक आनलाइन या रजिस्टर में सदस्यगण की उपस्थित लेगा।
 साप्ताहिक मीटिंग - शहर, राज्य, राष्ट्रिय स्तर पर भी उस प्रकार रहेगा जिस प्रकार वार्ड, नगर, गांव की पहले सप्ताह की मीटिंग रहती है। इस मीटिंग में वार्ड, नगर, गांव से कितना कलेक्शन राशि आई है इसकी जानकारी रखेगा। वार्ड, नगर, गांव से कितनी संख्या में सदस्यता बढ़ी है इसकी जानकारी लेगा। संगठक या संगठक साप्ताहिक रूप से वार्ड, नगर, गांव में प्रचारक को शाखा खोलने, सदस्यता बढ़ाने भेजेगा। जरूरत पड़े तो स्वयं भी जायेगें। 2. प्रचारक से उपरोक्तानुसार जानकारी लेगा। 3. प्रशिक्षक से भी उपरोक्तनुसार जानकारी लेगा।
साप्ताहिक समय व प्रोग्राम सारणी:-
1. सभी को वाॅट्सअप, फेसबुक व सोशल मीडिया द्वारा सूचित कर दिया जावेगा मीटिंग का समय और सप्ताह।
2. समय 12 बजे से 5 बजे तक मीटिंग रहेगी। सभी सदस्य व पदाधिकारी अपना मुख्य कार्य समझकर अनिवार्य रूप से उपस्थित होना है।
3. दोपहर 12 बजे मोमबत्ती जलाकर वंदना लेकर, क्रांति गीत गाकर मीटिंग प्रारंभ की जावें।
4. 12: 30 से 1 बजे तक सभी उपस्थितगणो की उपस्थित दर्ज कर ली जावे।
5. 1 बजे से 2 बजे तक राषि कलेक्शन की जानकारी ले ली जावे।
6. 2 बजे से 3 बजे तक क्षेत्र प्रचार प्रसार, सदस्यता की जानकारी ले ली जावे।
7. 3 से 4 बजे तक प्रशिक्षण संबंधी जानकारी ले ली जावे।
8. 4 से 5 बजे तक अपने सदस्यगण की समस्या और उसका समाधान पर चर्चा कर ली जावे।
 अगर समय के समाप्ति तक अपने किसी क्षेत्र की समस्या या उसके समाधान पर चर्चा समाप्त नहीं हो पाती या उसका हल उस क्षेत्र के पदाधिकारी व सदस्यगण नहीं निकाल पाते है तो आनलाइन उस क्षेत्र की समस्या सोम्स के पोर्टल पर भेज दी जावे।
द्वितीय साप्ताहिक मीटिंग - इसे हम पंद्रह दिवसिय मीटिंग कह सकते है। इस दिन सभी सदस्यगण व पदाधिकारीगण अपना अपना भोजन व पानी अपने अपने घरो से लाकर कर सकेगें।
1. सभी को वाॅट्सअप, फेसबुक व सोषल मीडिया द्वारा सूचित कर दिया जावेगा मीटिंग का समय और सप्ताह।
2. समय 12 बजे से 5 बजे तक मीटिंग रहेगी। सभी सदस्य व पदाधिकारी अपना मुख्य कार्य समझकर अनिवार्य रूप से उपस्थित होना है।
3. दोपहर 12 बजे मोमबत्ती जलाकर वंदना लेकर, क्रांति गीत गाकर मीटिंग प्रारंभ की जावें।
4. 12: 30 से 1 बजे तक सभी उपस्थितगणो की उपस्थित दर्ज कर ली जावे।
5. 1 बजे से 1: 30 बजे तक भोजन कर लिया जावे। सबसे पहले एक पेपर पर सभी की रोटियां साथ में रख ली जावे फिर अपने पास एक एक खाली डिब्बे में भोजन लेकर, मिलबांट कर भोजन कर लेवे। (भोजन कर कचना एक तरफ लगाकर साफ सफाई कर ली जावे) 
6. 1ः30 बजे से 2 बजे तक कलेक्षन की जानकारी ले ली जावे।
7. 2 बजे से 3 बजे तक क्षेत्र प्रचार प्रसार, सदस्यता की जानकारी ले ली जावे।
8. 3 से 4 बजे तक प्रशिक्षण संबंधी जानकारी ले ली जावे।
9. 4 से 5 बजे तक अपने सदस्यगण की समस्या और उसका समाधान पर चर्चा कर ली जावे।
 अगर समय के समाप्ति तक अपने किसी क्षेत्र की समस्या या उसके समाधान पर चर्चा समाप्त नहीं हो पाती या उसका हल उस क्षेत्र के पदाधिकारी व सदस्यगण नहीं निकाल पाते है तो आनलाइन उस क्षेत्र की समस्या सोम्स के पोर्टल पर भेज दी जावे।
नोट:-    इसी प्रकार का प्रोग्राम शहर, राज्य, राष्ट्रिय स्तर का रहेगा।
तृतीय साप्ताहिक मीटिंग - पहले सप्ताह के अनुसार ही रहेगा।
चतुर्थ साप्ताहिक मीटिंग - पहले सप्ताह के अनुसार ही रहेगा।
पाचवां साप्ताहिक मीटिंग - पहले सप्ताह के अनुसार ही रहेगा। (नोट:- यदि माह में पाचंवा सप्ताह हो तो)
  नोट:- 1. यदि साप्ताहिक मीटिंग के बीच कोई महापुरूष की जयंति या स्मृति दिवस आता है तो सोम्स अपने अपने क्षेत्र में सोम्स अपने बैनर पर महापुरूष का फोटो लगा सकेगा साथ ही पदाधिकारीगण एवं सदस्गण की फोटो लगा सकेगा। साथ ही मुख्य रूप से संस्थापक व प्रदेश संगठक की फोटो लगा सकेगे।
2. यदि सोम्स परिवार में शामिल मुख्य महापुरूष की जयंति या स्मृति दिवस आता है, और उस दिन साप्ताहिक मीटिंग का दिन हो तो वह अगले एक या दो दिन बाद रख सकते है। या उसके अगले सप्ताह में रख सकते है, यह तभी हो सकेगा जब बहुत ही समय की विपदा पड़ रही हो।

सोम्स संगठन
संपर्क - 9202260684ए 8989588047





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