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आर्य शब्द के गुत्थीयो को सुलझाए

TPSG

Tuesday, December 14, 2021, 03:02 PM
Ariya

चलो आए आर्य शब्द के गुत्थीयो को सुलझाए 

आर्य यह संस्कृत शब्द है और

अय्य यह पाली शब्द है।

अय्य का अर्थ प्रमुख बौद्ध भंते होता है।

ब्राह्मणों ने इस अय्य शब्द को चुराकर उसे संस्कृत का चोला पहनाया और उसे आर्य कर दिया और उस शब्द को अपने आप के लिए याने ब्राह्मणों के लिए उपयोग में लाया।

पाली -अय्य - प्रमुख बौद्ध भंते

संस्कृत -आर्य -ब्राह्मण

पाली साहित्यमे बड़े पैमाने पर आरिय इस शब्द का इस्तेमाल किया या है। जैसे,

आरिय सच्च

आरिय मग्ग

आरिय अठ्ठानगिक मग्ग

इन शब्दोंको, मराठी या हिंदी में आर्य ऐसा भाषांतर किया गया, जैसे

आर्य सत्य

आर्य मार्ग

आर्य अष्ठांगिक मार्ग

यह भाषांतर, मूलतः गलत है।

आरिय यह शब्द मूलतः अरी इस शब्द से संबंधित है। बौद्ध धम्म में चक्क याने चक्र का विशेष महत्व है। यह चक्क धम्मके समुचे है।

चक्र के अनेक पुर्जे होते है,जिसमें अरी तथा तीली (spokes) यह एक महत्वपूर्ण होता है।

अर -चक्र की अरी तथा तीली

आरिय - चक्र से संबंधित

चक्र बुद्धिज़्म में परिवर्तनीयता और अनित्यता का प्रतीक माना जाता है।

आरिय मग्ग, आरिय सच्च और आरिय अठ्ठानगिक मग्ग यह, धम्म चक्क पबत्तन से संबंधित है।

ब्राह्मणों का कुछ भी नहीं सारा का सारा ज्ञान बुद्धिज़्म से चुराया गया है। हमें शब्दोको समझना होगा.

आरिय

अय्य

आर्य

यह सभी शब्द अलग है, अय्य और आरिय इन शब्दोंके उपज अलग अलग है।

ब्राह्मणों का और आरिय का कोई संबंध नही, अय्य का भी ब्राह्मणों से कोई संबंध नहीं।

अंग्रेजी अभ्यासकों ने बुद्ध साहित्यमें आये आरिय को अंग्रेजी में Ariya ऐसे लिखा बल्कि भारतीय भाषाओंके अभ्यासकों ने उसे आर्य ऐसे लिख कर उसके मूल अर्थको ही बदल दिया।

डॉ बाबासाहब आम्बेडकर ने इस गुत्थियों को सुलझाने हेतु हमे बहोत ही कीमती विरासत दी है, जिसे Grammar and Dictionary of pali- writing and speeches volume 16 में संकलित किया गया है।

संकलन

अमित नरवाड़े

बुद्धिस्ट इंटरनेशनल नेटवर्क





Tags : Brahmins word Arya Sanskrit