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मास्टर जी और पप्पू का ईश्वर पर वार्तालाप

Sudhir Kumar Jatav

Saturday, May 4, 2019, 07:36 AM
Master Ji and Pappu

मास्टर जी और पप्पू का ईश्वर पर वार्तालाप
मास्टर जी - पप्पू मैं कई दिनों से देख रहा हूँ तुम स्कूल रोज प्रार्थना खत्म होने के बाद ही आते हो। क्या तुम पर समय से स्कूल नहीं आया जाता।
पप्पू - मास्टर जी मैं तो रोज समय से ही स्कूल आता हूँ ।
मास्टर जी - अबे मूर्ख प्रार्थना खत्म होने के बाद स्कूल आता है और कहता है रोज समय से स्कूल आता हूँ। ठहर अभी तेरी खबर लेता हूँ।
पप्पू - मास्टर जी - प्रार्थना से होता क्या है ?
मास्टर जी रू अबे प्रार्थना से ईश्वर को हम प्रसन्न करते हैं और वो हम पर अपनी दया बनाये रखते हैं द्य
पप्पू - मास्टर जी, वो ईश्वर क्या आत्ममुग्ध है जो अपनी प्रशंसा से खुश होता है ? उसको चापलूसी क्यों पसंद हैं ? अगर हम उसकी चापलूसी नहीं करेंगे तो क्या वो हम पर अपनी दया नहीं करेगा ? मुझको तो वो भगवान से ज्यादा कोई तानाशाह लगता है।
मास्टर जी - अबे मूर्ख उसने हम सबको बनाया है इसलिए उसकी प्रार्थना करते हैं इसकी चापलूसी नहीं कहते हैं।
पप्पू - किसने देखा है उसको हमको बनाते हुए ? हमको हमारे माता पिता ने जन्म दिया है और वो हमारा लालन पालन भी करते हैं लेकिन आप तो कभी उनकी ऐसी प्रार्थना नहीं करते। अगर हम उनसे कभी ऐसी प्रार्थना करते भी हैं तो वो कहते हैं बेटा मक्खन लगा रहा है। अब जब माता पिता की तारीफ करना चापलूसी हो सकती है तो फिर उस भगवान की तारीफ करने को चापलूसी क्यों नहीं मानते ? मास्टर जी माता पिता से अगर हम अपनी कोई इच्छा जाहिर कर दें तो वो अपना पेट काटकर भी हमारी इच्छा पूरी करते हैं लेकिन वो ईश्वर तो दुम दबाकर निकल लेता है प्रार्थना सुनकर। 
मास्टर जी - अबे मूर्ख भगवान के बारे में ऐसी बाते नहीं करते वो नाराज हो जायेंगे।
पप्पू - मास्टर जी, रहने दो। मेरे इतनी से बात कहने पर ही आपका भगवान नाराज हो जाता है लेकिन वो जो आप अब्दुल, रहीम, सलीम से जबरदस्ती प्रार्थना करवाते हो तब उनका ईश्वर नाराज नहीं होता होगा ? उनसे भी तो आप उनके धर्म विरुद्ध प्रार्थना करवाते हो।
मास्टर जी - अबे तू उनको छोड़, समय से स्कूल आया कर और सरस्वती वंदना में हिस्सा लेकर अपनी बुद्धि में वृद्धि कर मूर्ख। तू जो आज ऐसी बात कर रहा है वो इसलिए कि तुझ पर सरस्वती माता की कृपा नहीं है।
पप्पू - मास्टर जी, अगर सरस्वती वंदना करने से ही शिक्षा हासिल होती है तो फिर कक्षा में क्यों पढ़ाते हो ? सारे दिन सरस्वती की पूजा अर्चना ही करवाते रहो। सभी के सभी विद्यार्थी बने ना बने लेकिन मूर्ख जरुर बन जायेंगे। मास्टर जी जितना समय इस प्रार्थना में लगाते हो अगर उतना अतिरिक्त समय बच्चो को कोई रोजगारपरक शिक्षा दिलवाई जाये तो कम से कम उनका जीवन जरुर सुधर सकता है। अब मास्टर जी मार बेशक लियो पर बात खरी कही है मैंने ।
मास्टर जी - बेटा आज तूने मेरी आँख खोल दी।
- सुधीर कुमार जाटव

 





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