जनवरी 2020 पब्लिक विचार TPSG Tuesday, January 7, 2020, 08:57 AM जबलपुर पुलिस और प्रशासन ने बहुजन क्रांति मोर्चा को CAA-NRC के विरोध और संविधान के समर्थन में रैली करने की अनुमति नही दी। यह अभिव्यक्ति कि आजादी की हत्या है। - एड. मिलिंद वानखेडे उत्तर और दक्षिण भारत के हिंदुओं को मुंबई.गुजरात में काम करने नहीं देते हैं, और पड़ोसी देश के हिंदुओं को भारत में बसाएंगे। - विशाल कड़वे राष्ट्रपति महोदय अब सेना के तीनों अंगों के प्रमुख नहीं रहे। बिपिन रावत बने चीफ आफ डिफेंस स्टाफ। संविधान से एक और छेड़छाड़। - किशन बोथे चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) यह पद गैर संविधानिक है यह ताकत राष्ट्रपति की होती है। ब्राह्मण रावत के लिए यह पद बनाना संविधान को खत्म कर देश में ब्राह्मणवादी मनुस्मृति थोंपने का षड्यंत्र है। जिससे तीनों सेना ब्राह्मणवादियों के अधीन आकर ब्राह्मणवादी मनुस्मृति की लागू कर लोगों को गुलाम बना लें। - सिद्धार्थ बागड़े अपने घर की चौकीदारी के लिए एक चौकीदार नियुक्त किया था, अब वो चौकीदार ही मुझे बोल रहा है...साबित करो कि तुम इस घर के मालिक हो ? - नरेन्द्र शेन्डे सन 1964 में मुंबई के एक संपन्न गुजराती जैन परिवार में जन्मे अमित शाह के पिता का नाम अनिलचन्द्र शाह और माता का नाम कुसुमबा है. अपनी 6 बहनों के बीच अमित शाह एकलौते भाई हैं. अमित शाह के परिवार में उनकी पत्नी सोनल शाह, पुत्र जय शाह और पुत्रवधू हर्षिता शाह हैं. अमित शाह का विवाह 23 वर्ष की उम्र में सन 1987 में सोनल शाह के साथ हुआ था. बायोकेमिस्ट्री में B.SC. डिग्री धारक अमित शाह राजनीति में आने से पहले प्लास्टिक और PVC पाइप का बिज़नस करते थे. इसके अतिरिक्त अमित शाह एक स्टॉक ब्रोकर भी रह चुके हैं. बचपन में अमित के पिता अनिलचन्द्र ने अपनें 6 बेटीयों के पिछे अपने पुत्र को लगा दिया, 6 बहने क्या करती हैं, किससे मिलती है, यह सब अमित के जिम्मे था..यानी बचपन से ही महिला जासूस था... इमरजेन्सी के बाद लापता मोदी जब अपने गृहराज्य को लौटे, अहमदाबाद में पढाई करने वाली छात्र सोनल नामक लडकी से प्यार हुआ... सोनल मूलता महाराष्ट्र के कोल्हापुर की रहने वाली है, उनकी फैमिली बाद में अहमदाबाद शिफ्ट हुई. सोनल के पिता संघ के सदस्य थे, 1980 से 1984 के दौर में मोदी का संघ में अच्छा प्रभाव था, उसी समय अमित शाह और मोदी के बिच गहरी दोस्ती हुई... सोनल नरेंद्र से शादी करना चाहती थी, लेकिन मोदी अपने राजनितिक कारणों का हवाला देकर उससे पिछा छुड़ाते थे.. जब सोनल को पता चला वह गर्भवती है, तब मोदी ने कहा के मै पहले से ही शादी शुदा हूँ... मैंनें कुछ साल पहले ही संन्यास लिया है, तुमसे मेरा विवाह नहीं हो सकता... नरेंद्र ने तुरंत सोनल का गृभपात करवा कर सोनल से दूरी बना ली.. कुछ महिनों बाद नरेंद्र ने बडी चालाकी से अमित और सोनल को शादी के लिए मनवा लिया, जल्द ही सोनल और अमित विवाहसूत्र में बंध गये... सोनल से मिलने और उसके करीब रहने के लिए नरेंद्र ने अमित से और ज्यादा गहरी दोस्ती बनाई... आज नरेंद्र के ही बदौलत अमित इतनी बड़ी उंचाई को छू सका है.. अमित ने अब तक छोटे मोटे 40 चुनाव लढे, आज तक उन्हें कभी हार का सामना नहीं करना पडा.. 1990-91 के दशक में मोदी ने अमित को लालकृष्ण आडवाणी के प्रचार की अहम जिम्मेदारी दी.. सोनल अपने पति के राजनैतिक भविष्य को उज्वल बनाने के लिए नरेंद्र का शिकार होती रही.. अमित को 1996 के अंत में मोदी और सोनल के नाजायज़ संबध का पता चला तब मोदी ने अमित के गुस्से को शांत करने के लिए सरखेज उपचुनाव में विधायक का टिकट दिलवाने की बात कहकर उस मामलें को वहीं दबा दिया.. 1997 में वह पहली बार विधायक के तौर पर चुने गए.. अमित शाह शंतरज के खिलाड़ी है. वह गुजरात स्टेट चेस असोसिएशन के चेअरमैन भी थे.. पार्टी हायकमान के आदेश पर मोदी मुख्यमंत्री पद पर विराजमान हुए.. नरेन्द्र मोदी सोनल के प्यार में या फिर दबाव में मजबूरन अपने मंत्रीमंडल में अमित को भी जगह देनी पड़ी.. 2003 में अमित गृहराज्य मंत्री बने, 2004-5 में अहमदाबाद के बाहरी इलाके में कथित रूप से एक फर्जी मुठभेड़ में 19 वर्षीय इशरत जहां, ज़ीशान जोहर और अमजद अली राणा के साथ प्रणेश की हत्या हुई थी। इस मामले में गोपीनाथ पिल्लई ने अदालत में एक आवेदन देकर मामले में अमित शाह को मुख्य आरोपी बनाने की अपील की थी.. गुजरात पोलिस के पास अमित शाह के खिलाफ कई सबूत थे..अमित शाह को उम्र कैद की सजा भी पक्की थी.. यह फर्जी मुठभेड़ मोदी के इशारों पर ही हुआ था, एक समय ऐसा भी आया था के जब मोदी अमित शाह को बली चढवाकर खुद इस केस से बचना चाहते थे.. लेकिन सोनल शाह के दबाव में आकर मोदी ने अपने मित्र अमित को इस केस से बचा लिया... अमित शाह वही आतंकवादी है जो खुद अहमदाबाद में ब्लास्ट करवाकर 21 दिनों में केस सुलझाने का दावा किया था. उस ब्लास्ट में 50 से ज्यादा लोंगों की मौत हुई थी. फर्जी मुठभेड़ में 3 महिना जेल की हवा खाने बाद अदालत ने अमित को गुजरात से तडिपार इस लिए किया था के अमित किसी गवाह को नुकसान ना पहुंचा सके, लेकिन गुजरात के बाहर रहकर भी सारे रिकार्ड मिटाने में कामयाब रहे.. जब अमित तडिपार थे कभी दिल्ली कभी मुबंई भटक रहे थे, पत्नी सोनल ने मोदी को मजबूर करके दिल्ली में स्थित सरकारी गेस्ट हाउस (गुजरात भवन) में पूरे 6 महिने सुरक्षा के साथ सारी सुख सुविधाएं उपलब्ध कराई... एक आरोपी को मोदी ने सरकारी बंगले में रहने की परमिशन किस मजबूरी में दी...? अमित शाह और मोदी के लिए सोनल हमेशा लकी साबित रही है.. अगर सोनल शादी के पहले मोदी के खिलाफ आवाज उठाती तो आज मोदी यह मुक्काम पर ना होता..?? अगर सोनल अमित शाह की बिवी ना बनती तो स्टाक ब्रोकर ही रहता.. नोट- ज्यादा से ज्यादा लोग शेअर करे, आखिर भक्तों को भी तो पता चले भारतीय राजनिती के चाणक्य ने यह मुक्काम हासिल करने क्या क्या दांव पे लगाया है.. धन्यवाद.. विशाल गुप्ता एक स्त्री कभी भी मंदिर की मुख्य पुजारन नहि बन सकती।* *मस्जीद की मौलानी नहि बन सकती।* *चर्च की कभी भी पादरी नहि बन सकती।* *लेकिन...* *"संसद" जिसे मंदिर कहा जाता है, वहां जाकर मंदिर,मस्जीद और चर्च के लिए कायदे बना सकती है।* *यह है संविधान की देन, यह ताकात होती है संविधान की । - नरेन्द्र शेन्डे 17 साल हुये है,अखिल भारतिय भिक्खू संघ की जनरल मिटींग या इलेक्षन (चुनाव) नही हुआ,भिक्खू संघ कुछ भिक्खुओ की जागीर हो गई है.फिर भी किसी को कोई मतलब नही. जो भिक्खू संघ के सदस्य है उन्को बुद्धगया के संघ निवास मे फ्री रहने का प्रावधान है लेकीन रहने नही दिया जाता । - करूणानिधी भंते दलित नेता जब हार जाते है तो कहते है समाज ने साथ नही दिया। और जब जीत जाते है तो सवर्णों के तलवे चाटते है। - नरेन्द्र शेन्डे Tags : freedom is murder expression support the Constitution CAA-NRC Bahujan Kranti Morcha administration Jabalpur police