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आम जनता विचार - दिसम्बर 2020

TPSG

Friday, December 4, 2020, 08:18 AM
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ब्रम्हादेश से आरएसएस कंट्रोल कर रहा है, बुद्धिज़्म को , मुस्लिमो का डर दिखाकर ,भारत के 'बनिया-ब्रामण' जो कि बुद्धिज़्म को सनातन हिन्दू धर्म का एक अंग मानते है, वो विपश्यना और अन्य धार्मिक गतिविधियों के आड़ में बौद्ध देशों से, चंदा लेकर आरएसएस को मजबूत करने का कार्य जोरों से चल रहा है/कर रहे है, यह जानकारी मुझे भारत के विदेश में रहने वाले एक भन्तेजी से मिली। इस सच्चाई को आप विश्लेषण करके ,उसके सत्य तक पहुँचकर आगे की रणनीति बनाए,यदि बात सत्य है, तो हमारे लोगों को अपनी कार्य की रणनीति को, ठीक करने और गति बढ़ाने की जरूरत है।- अनिल गोलाईत

- यह अर्बन गोस्वामी, आर एस एस, भाजपा, नरेंद्र मोदी सरकार का दलाल, भडवा पत्रकार है। यह रिपब्लिक चैनल का संपादक है। यह हमेशा खूंखार कुत्ते की तरह टीवी पर भोक्ता रहता था। और बोलता था, पूछता है भारत स्वयं को भारत पूरा देश समझता था। इसे सुप्रीम कोर्ट ने भी फटकार लगाई थी। और कहा था आप कौन होते हैंॽ पूछता है ,भारत बोलने वाले आप एक व्यक्ति हो, आप पूरा भारत नहीं हो सकते। इसे कल 2 साल पुराने खुदकुशी के केस में मुंबई पुलिस ने एक उद्योगपति मां बेटे के 50000000 हड़पने पर उनके द्वारा की गई आत्महत्या के लिए इसे प्रेरित करने का आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। अब इसकी आवाज चूहे की तरह हो गई है। लेकिन भाजपाइयों के पेट में इतना दर्द हो रहा है। कि न दस्त कर रहे हैं। ना उल्टी कर रहे हैं। बिकाऊ और दलाल पत्रकारों, अंध भक्तों के कारण आज लोकतंत्र, देश खतरे में है। इस देश को बचाने के लिए लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का स्वतंत्र एवं निष्पक्ष निर्भीक रूप से लिखना बोलना और हकीकत दिखाना अत्यंत आवश्यक है। अन्यथा ऐसे पत्रकार देश के गद्दार देशद्रोही माने जाएंगे। अर्बन गोस्वामी के अलावा कई भड़वे, दलाल, मोदी सरकार के तलवे चाटने वाले और भी पत्रकार है। इनकी भी इसी तरह से दुर्दशा होना, देश हित में होगा। अन्यथा यह देश को ही बेच देंगे। विजय बौद्ध,, संपादक दि बुद्धिस्ट टाइम्स भोपाल

1848 में राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले ने पहला स्कूल पुना में शूद्रों के लिए खोले तब चित्तपावन ब्राह्मणों ने 1855 में पुना में ही 'सत्य नारायण' की झूठी कथा लिखा, जिसमें न सत्य है और न ही नारायण है। - सिद्धार्थ बागड़े

किसान पाँच रूपये किलो आलू बेचते हुए आँसू बहाता है..और हम आलू 45 रूपये किलो ख़रीदते हुए सड़कों पर चिल्लाते हैं...एक तीसरा व्यक्ति भी है जो न रोता है न चिल्लाता है...वह सिर्फ़ मुस्कराता है...विरोध और विद्रोह के बीच किसान पूछ रहा है कि मुस्कराता हुआ वह तीसरा व्यक्ति कौन है?  - नरेन्द्र मेश्राम

कृषी बिल और किसान आंदोलन पर चर्चा से बचने के लिए ही बीजेपी द्वारा संसद का शीत अधिवेशन रद्द किया गया है।
कोरोना तो बहाना है। - नरेन्द्र मेश्राम

आरएसएस का कोई एक आंदोलन बता दो...जो इन्होने स्कूल,कालेज,अस्पताल या संविधान बचाने के लिए किया हो...? - सिद्धार्थ बागड़े

2014 के पहले अम्बानी दुनिया के धनाढ्य में 40 वां स्थान था & अब 4था है।अडानी देश में 11 वां था& अब 2 दूसरे स्थान पर। किसान पागल नही हैं। सबकुछ सोच समझ के कर रहा है।  - नरेन्द्र मेश्राम

बर्माक लोगों ने सन 900 में बगदाद शहर की स्थापना कर दी थी| बर्माक लोग अफगानिस्तान के नवविहार बौद्ध विहार के प्रमुख भिक्खु थे| इराण की तरह इराक पर भी बौद्ध धर्म का गहरा प्रभाव था और आज भी दिखाई देता है| (बरमाक मतलब प्रमुख) - सिद्धार्थ बागड़े

भागवत कथा से क्या मिलेगा नया जन्म या मुक्ति मार्ग मुक्ति मार्ग तो तब मिलेगा जब अपने बच्चों को सही रास्ते पर शिक्षा से परिपूर्ण कर देते हैं तब आपको मिलेगा कथा सुनने से कुछ नहीं होगा यह अंधविश्वास है। - सिद्धार्थ बागड़े

महापरिनिर्वाण दिवस मनाया नहीं जाता,, डॉ बाबासाहेब आंबेडकर को याद करके उनके प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। और उनके दिए हुए आदर्श, विचारों, मार्ग पर चला जाता है। तभी डॉक्टर अंबेडकर को सच्ची श्रद्धांजलि होती है। अखबार ने छापा है या आपने प्रेस नोट दिया है वैसा ही छाप दिया है यह मालूम नहीं लेकिन महापरिनिर्वाण दिवस मनाया नहीं जाता यह हमारे लिए अत्यंत दुख का दिन है। - विजय बौद्ध





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