जुलाई 2020 के जन विचार Narendra Shende narendra.895@rediffmail.com Tuesday, July 7, 2020, 09:37 AM पिछली बार 19 साल पहले जब थाने के भीतर मंत्री की हत्या की थी, तब 8 महिने तक फरार था। सरेंडर अपनी शर्तो पर हुआ था। गवाह पुलिस वाले मुकर गये थे। अब उसने 8 पुलिस वालो की हत्या की है। विकास दुबे को खोज पाना लगभग नामुमकिन!! विकास दुबे असुर है। - ब्रजेश मिश्रा दलित जब बड़े पद पर होता है तो दूसरे दलित को पहचानता भी नहीं और रिटायर होते ही अंबेडकर महासभा चलाने लगता है। - अजय नारनरवरे दुर्भाग्य से 8 पुलिसकर्मियों के हत्यारोपी के नाम के पीछे ‘‘दुबे’’ लगा हुआ है, तो अब किसी टीवी पर कोई डीबेट नहीं चलनी है, क्योंकि दुबेजी हत्यारोपी हैं, त्रिवेदी रिपोर्टर हैं, पाण्डे जी कर्मचारी हैं, शुक्ला जी कार्यकर्ता हैं, द्विवेदी जी विधायक है, शर्मा जी मंत्री है और भागवत जी सरसंघचालक हैं। - नरेन्द्र शेन्डे प्रतिमाह पाँच किलो गेहूँ, चावल और एक किलो चना मुफ़्त में देने के लिए ‘‘प्रधानमंत्री को’’ राष्ट्र को सम्बोधित करना पड़े, क्या ये है देश का भविष्य ? - वी. एल. मातंग Tags : policemen Witness surrender police station inside minister