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द्वितीय महायुद्ध और डाॅ. अम्बेडकर

Vishal Kadve
vishalk030@gmail.com
Monday, October 9, 2023, 09:24 AM

आदरणीय विमलसूर्य चिमणकर सर द्वारा लिखित 'द्वितीय महायुद्ध और डाॅ. अम्बेडकर' इस बेहद लोकप्रिय और बहुप्रतीक्षित  पुस्तक के तीसरे संस्करण का विमोचन हुआ 

हमे द्वितीय महायुद्ध और डॉक्टर आंबेडकर इस  ऐतिहासिक ग्रंथ की मौलिकता को समझना होगा: ॲड. प्रकाश दार्शनिक 

दिनांक 30 सितम्बर 2023 को उरुवेला कॉलोनी, नागपुर स्थित डॉ.  बाबासाहेब अम्बेडकर सांस्कृतिक भवन में माननीय मार्शल विमलसूर्य चिमनकर सर की स्मृति में समता सैनिक दल और बाबासाहेब आंबेडकर नॅशनल इंजिनिअर असोसिएशन (बानाई)के संयुक्त  सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में आदरणीय विमलसूर्य चिमणकर सर द्वारा लिखित 'द्वितीय महायुद्ध और डाॅ. अम्बेडकर' इस बेहद लोकप्रिय और बहुप्रतीक्षित  पुस्तक के तीसरे संस्करण का विमोचन हुआ ! 

इस प्रस्तुत समारोह के अध्यक्ष मान. ॲड. प्रकाश दार्शनिक सर (राष्ट्रीय बौद्धिक प्रमुख, समता सैनिक दल), मान. मार्शल सुनील सारिपुत्त सर (केंद्रीय संगठक, समता सैनिक दल,) मान. प्रो. रणजीत मेश्राम सर (वरिष्ठ अम्बेडकरी चिंतक), मान.प्राचार्य डाॅ. सिद्धार्थ मेश्राम सर, मान. देवेश चौधरी सर (संपादक, तिसरा पक्ष) एवं मान. अरविंद गेडाम सर अध्यक्ष (बानाई), मान. सुधाकर सोमकुंवर (प्रकाशक समता संगर) इनके करकमलों द्वारा अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में किया गया। 
 
अपने अध्यक्षीय भाषण मे मार्शल ॲड. प्रकाश दर्शनीक सर इन्होने कहा की, एक तरफ  पुरी दुनिया पर दुसरे  विश्व महायुद्ध का बडा खतरा नजर आ रहा था । और इधर भारत मे क्विट इंडिया चले जाओ इस आंदोलन की तैयारी तथाकथित नेताओ द्वारा चलाए जा रहे थे। इस धोखे को डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने पढ़कर और सभी  भारतीय लीडरों को इशारा देते हुए उन्होंने कहा था कि यह वक्त चले जाओ या क्विट इंडिया इस आंदोलन का नही है, बल्की हमे इस वक्त यह सूचना है कि वेदर टू सपोर्ट और नॉट टू सपोर्ट। अपने इस अभ्यासपूर्ण वक्तव्य मे उन्होने द्वितीय विश्व युद्ध और डॉ. आंबेडकर इस किताब की मौलिकतापर ,इस किताब के महत्वपूर्ण अंश पर  अभ्यासपूर्ण बाते कही। और उपस्थित आंबेडकरी समुदाय को संबोधित किया।

इस कार्यक्रम मे समता सैनिक दल के भूतपूर्व केंद्रीय संघटक स्मृतीशेष विमलसूर्य चिमणकर सर की प्रतिमाको फुलो और पुष्पहार से अभिवादित किया गया। और मंच पर गणमान्य वक्ताओ ने विचार प्रस्तुत किए। सभी ने किताब की मौलिकता और द्वितीय महायुद्ध के दौरान हमारी क्या भूमिका होनी चाहिये? इसका हल बाबासाहेब किस तरह से दुनिया के सामने पेश करते है इसके बारे मे, और बाबासाहेब की अन्य क्रांतीकारी आंदोलनों पर  अपने विचार पेश किये।

इस कार्यक्रम मे केंद्रीय संघटक मार्शल सुनील सारीपुत्त सर के करकमलो द्वारा मार्शल ॲड. विमलसूर्य चिमनकर सर स्मृति अंबेडकरी समर्पित कार्यकर्ता पुरस्कार-2023 मार्शल अभय कुम्भारे सर (जिला संगठक स.सै. द. वर्धा)को प्रदान किया गया। इस पुस्तक को छपवाने में जिनका अहम योगदान रहा ऐसे बानाई के मान अरविंद गेडाम सर और जलसंपदा मैत्री संघ के मान. अरविंद पाटील सर को कृतज्ञता गौरवचिन्ह प्रदान किया गया।

संपूर्ण कार्यक्रम का सूत्रसंचालन आंध्र प्रदेश राज्य संघटक मार्शल रोहन बोधी इन्होने किया और आभार प्रदर्शन महाराष्ट्र राज्य सह संघटक अनिकेत उबाळे द्वारा किया गया। प्रस्तुत कार्यक्रम की भूमिका मार्शल दिलीप तायड़े सर (विधर्भ थिंक टैंक) इन्होंने विषद की।
इस कार्यक्रम की  यशस्वीता के लिए समता सैनिक दल के सभी मार्शल ने अपना सहयोग दिया।


दि पिपल ब्युरो





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