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आषाढ़ पूर्णिमा पर त्रैमासिक वर्षावास की हुई शुरुआत महिला मंडल द्वारा किया गया परित्राण व धम्म ग्रन्थ का पाठ

MAHENDRA GAJBHIYE
iammahendra1985@gmail.com
Wednesday, July 17, 2019, 12:11 AM
Varshavas 2019 bhopal

बौद्ध समाज शिक्षा जनकल्याण समिति भोपाल के तत्वाधान में त्रिशरण बुद्ध विहार नम्रता नगर कोलार में अषाढी पूर्णिमा के अवसर पर दिनांक 16 जुलाई 2019 दिन मंगलवार को वर्षावास प्रारंभ हुए है |इस अवसर पर पूज्य भदन्त धम्मदीप महानन्द बोधि नैनपुर (मंडला) त्रिशरण बुद्ध विहार नम्रता नगर कोलार में वर्षावास करेंगे |दिनांक 16 जुलाई 2019 दिन मंगलवार को शाम 7.00 बजे की वंदना के पश्चात परित्राण पाठ सम्पन्न हुआ |वर्षावास के दौरान विहार में दिनांक 17 जुलाई 2019 से प्रतिदिन कार्यक्रम रहेंगे! प्रतिदिन सुबह - शाम 06.00 बजे से 06.50 तक ध्यान साधना (मेडिटेशन) एवं 07.00 बजे से वंदना होगी | *(रविवार सुबह छोडकर! प्रति रविवार प्रात:10 00 बजे वंदना /देशना एवं तदुपरांत प्रातः11.00 बजे पूज्य भदन्त का सामुहिक भोजन दान रहेगा | ( भदन्त को भोजन दान एवं स्वयं के भोजन हेतुे घर से टिफिन लाना होगा!प्रतिदिन शाम 07.00 बजे वंदना ,बुद्ध और उनका धम्म ग्रंथ का वाचन एवं देशना होगी | दिनांक 17 जुलाई 2019 से वर्षावास समाप्ति तक प्रतिदिन सुबह 8.00 बजे स्वल्पाहार एवं सुबह 11.00 बजे पूज्य भदन्त का भोजन रहेगा पूज्य भदन्त को स्वल्पाहार एवं भोजनदान करने हेतु सभी सदस्य /उपासक एवं उपासिकायें अपना नाम विहार के सूचना पटल पर अंकित करा कर पूण्य धम्म लाभ कमा सकते है ! आपको बता दे कि मंगलवार को आषाढी पूर्णिमा के अवसर पर त्रिशरण बुध्द विहार नयापुरा कोलार रोड भोपाल मे श्याम 7 बजे बौद्ध समाज जनकल्याण समिति की महिला मण्डल द्वारा परित्राण पाठ किया गया और ग्रंथ पाठ का वाचन किया गया!समिति के सचिव आयु पी बी वासनिक जी ने बताया कि बौद्ध भिक्षुओं के लिए वर्षावास काल काफी महत्व रखता है। भगवान बुद्ध ने भी अपने जीवनकाल में वर्षा ऋतु के प्रारंभ से ही वर्षावास काल किसी ऊंचे स्थान पर रहकर व्यतीत किया था। यह बौद्ध कालीन परंपरा है। और इसका निर्वहन बौद्ध भिक्षु अपने जीवन काल में करते हैं। वर्षावास काल व्यतीत करने वाले भिक्षु एक ही स्थान पर रहकर अपना समय ध्यान-साधना धम्म उपदेश में व्यतीत करते हैं। वे विचरण नहीं करते हैं। इसके पीछे तर्क यह है कि वर्षा ऋतु में कई तरह के छोटे-छोटे जीव जन्म लेते हैं। जो विचरण करने से पैर से दब जाते हैं। यानि जीव की हत्या होती है।इस कारण वर्षावास कई मायनों में महत्वपूर्ण है !

 





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