आदिवासी प्राचीन बौद्ध थे TPSG Wednesday, October 14, 2020, 10:22 AM आदिवासी प्राचीन बौद्ध थे आदिवासी प्राचीन बौद्ध थे, इसकी जानकारी जातक कथाओं से और प्राचीन शिल्पों से मिलती है| ब्राम्हणी साहित्य में #जंगल (wilderness) को अव्यवस्था, भय और अंधकार का प्रतीक समझा जाता था, लेकिन बौद्ध साहित्य में जंगल या वन को मनशांती और ज्ञान का केंद्र समझा जाता था| इसलिए, तथागत बुद्ध नागरी जीवन छोड़कर वन में जाते हैं और बोधिवृक्ष के नीचे बुद्धत्व प्राप्त करते हैं| #वन में रहनेवाले आदिवासी कैसे बोधिसत्व को नमन करते हुए बुद्ध अनुयायी बन गये थे, इसकी जानकारी देनेवाले शिल्प इसा पूर्व दुसरी सदी के भरहुत स्तुप (2nd BC) और दक्षिण भारत के अमरावती स्तुप में देखने को मिलते हैं| इसी तरह, अजंता गुफाओं में भी आदिवासी लोगों को बौद्ध अनुयायी के रूप में चित्रित किया गया था| चंडकिनर जातक (485) जैसी जातक कथाओं में भी आदिवासी बौद्ध अनुयायी के रूप में दिखाई देते हैं| #ओडिशा के आदिवासी कट्टर बौद्ध थे और बौद्ध स्थल #दंतपुरी उनका महत्वपूर्ण धार्मिक केंद्र था, बाद में उसे #जगन्नाथपुरी कहा जाने लगा| आदिवासी समुदाय को फिरसे बुद्ध अनुयायी बनाने के लिए #भिमाभोई_ने_महिमाधर्म" बनवाया था और जगन्नाथ पुरी को फिर से बौद्ध धर्मी आदिवासी समुदायों के कब्जे में लेने के लिए उसने लाखों अनुयायियों के साथ अंग्रजों के खिलाफ युद्ध किया था| इस तरह भारत के विभिन्न प्रदेशों के आदिवासी समुदाय बौद्ध थे इसकी जानकारी मिलती है, लेकिन इस सत्य इतिहास की जानकारी वर्तमान में अनेक आदिवासी लोगों को नहीं है| उन्हें इस ऐतिहासिक वास्तविकता की जानकारी देकर बौद्ध होने का एहसास दिलाना होगा| -- बुद्धिस्ट इंटरनेशनल नेटवर्क Tags : darkness symbol literature information ancient Buddhists tribals