माहूरगढ़ (महारपुरी) को ऐतिहासिक रूप से एक बौद्ध केंद्र माना गया है। यह यवतमाल ज़िले म ....
यवतमाल के नजदीक माहूर प्रसिद्ध स्थल है जिसे माहुरगढ भी कहते हैं| प्राचीन काल में यह ....
पिपल ज्ञान का वृक्ष (बोधिवृक्ष या Tree of Knowledge) कहा जाता है क्योंकि बुद्ध को पि ....
अपनी उपाधि विक्रमशील के आधार पर उन्होंने एक ओर बिहार में विक्रमशील बौद्ध विहार ( विक ....
इस अत्यंत जटिल और कलात्मक मूर्ति में एक दिव्य पुरुष खड़ा है, जिसके पीछे असंख्य भुजाए ....
बौद्ध धम्म में अष्ट महातीर्थों (अष्ठमहास्थान) का विशेष महत्व है, क्योंकि ये वे स्थल ....
मुअन जो दड़ो (मोहनजोदड़ो) – सिंधु घाटी की प्राचीनतम सभ्यता का एक जीवित साक्ष्य, जिसन ....
बौद्ध शिल्प कंबोडिया, थाईलैंड, वियतनाम और इंडोनेशिया में मिलते है. चित्र में पेरिस स ....
अखाजी अर्थात अक्षय तृतीया एक बौद्ध पर्व है, जिसे प्राचीन काल में मूलनिवासी लोग वप्पम ....
गोस्वामी तुलसीदास ने संत रैदास का नाम कहीं नहीं और कभी नहीं लिया है, लेकिन वे संत रै ....
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आपको भ्रम हो सकता है कि ये बैठी हुई मूर्ति तथागत बुद्ध की है। लेकिन यह मूर्ति तथागत ....