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देश परेशान है, जिंदगी तंग है

TPSG

Wednesday, May 1, 2019, 03:59 PM
desh pareshan

देश परेशान है, जिंदगी तंग है
देश परेशान है, जिन्दगी तंग है ! 
ये तेरी मेरी नहीं हम सब की जंग है।
अस्पताल में करप्शन है, सरकारी आटे मे दाल में करप्शन है।
सरकार की हर चाल में करप्शन है 
करप्शन के बिना देश नहीं चल सकता।
यही आज की व्यवस्था का दंग है 
देश परेशान है, जिन्दगी तंग है !
ये तेरी मेरी नहीं हम सब की जंग है ।
कोयला फ्री में बेच दिया बड़े घरानों ने,
देश की जल, जंगल, जमीन पर कब्जा कर लिया अमीरो ने
अमीर और गरीब के खून का अलग अलग रंग है 
देश परेशान है, जिन्दगी तंग हैं !
ये तेरी मेरी नहीं हम सब की जंग हैं।
में बेगुनाह हूं फिर भी जैल में
वो गुनेहगार है फिर भी आजाद
देश की सरकार गुनहगारो के संग है ।
खंड खंड पाखंड करके संत बलात्कारी लाखो के बीच पूजनीय
लोकतंत्र का दिन रात करके चीरहरण, देश में लाते भंग है ।
लोकतंत्र का बना दिया व्यंग हैं।
देश परेशान है, जिन्दगी तंग है ! 
ये तेरी मेरी नहीं हम सब की जंग है।
अनमोल राॅक

 





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